For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नव रात्री नव रात है,नव जीवन संदेश/

तन मन भवन शुद्ध रखो,आये माँ किस भेष//

भक्तगण नव रात्री में,रखते हैं उपवास/

कन्या पूजन भी करें,माँ का यही निवास//

देखो कैसे सज रहा,माता का दरबार/

माँ के दर्शन को लगी,लम्बी बहुत कतार//

जयकारों से मात के,गूंज रहा दरबार/

माता का आशीष ले,पायें शक्ति अपार//

गरबा रमती मात है,चहुँ दिसि उत्सव होय/

भक्त यहाँ सुख पात हैं,सबके मंगल होय//

हवन अरु जागरण करे,नवरात्री सब लोग/

देती माँ आशीष जो,मिटे क्लेश सब रोग//

धन धान्य और सम्पदा,वैभव खिल खिल जाय/

निश दिन पूजे मात को,सब सम्भव हो जाय//

Views: 647

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 16, 2013 at 10:41am

सुन्दर

Comment by Vinita Shukla on October 17, 2012 at 2:23pm

नवरात्रि के सुन्दर अवसर पर, भक्ति का रंग घोलने वाले भावसिक्त दोहे. बधाई अशोक जी.

Comment by Rekha Joshi on October 17, 2012 at 10:03am

धन धान्य और सम्पदा,वैभव खिल खिल जाय/

निश दिन पूजे मात को,सब सम्भव हो जाय//

बहुत सुन्दर दोहे रचे है,आदरणीय अशोक जी ,हार्दिक बधाई 

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 16, 2012 at 10:06pm

आदरणीय खान साहब,

                      सादर नमस्कार, आपसे स्नेहाशीष पाकर मन गदगद हुआ. बहुत बहुत धन्यवाद.

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 16, 2012 at 10:05pm

आदरणीय लड़ीवाला जी, आ. संदीप जी, आद. राजेश कुमारी जी आप ने दोहों को पसंद किया. आप सभी का हार्दिक आभार.

आप सभी को एवं समस्त मंच के सदस्यों को नवरात्रि कि हार्दिक शुभकामनाएं.

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 16, 2012 at 10:02pm

आदरणीय रविकर जी

                         सादर नमस्कार, दोहों पर आपकी मुहर पाकर बहुत प्रसन्नता हुई. धन्यवाद.

Comment by लतीफ़ ख़ान on October 16, 2012 at 9:34pm

Ashok ji aadab, navratri par apke dwara rachit dohe ati uttam hain. badhai swikar karein.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 16, 2012 at 8:42pm

अशोक कुमार रक्ताले जी बहुत सुन्दर उत्कृष्ट दोहे कहे हैं बहुत बहुत बधाई नवरात्र की शुभकामनाएं 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on October 16, 2012 at 12:30pm

आदरणीय अशोक सर जी सादर प्रणाम
बहुत सुन्दर दोहे रचे हैं आपने शारदीय नवरात्र की शुभकामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 16, 2012 at 11:55am

नव रात्री नव रात है,नव जीवन संदेश/

तन मन भवन शुद्ध रखो,आये माँ किस भेष//

सुन्दर  दोहे सुंदर संदेश्त्मक भाव  नव रात्र  स्थापना के प्रथम दिन उपलब्ध करने हेतु धन्यवाद और हार्दिक बधाई श्री अशोक रक्ताले जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
6 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service