For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हे मनुज! तुम दिया बनो
वो दिया...जो जलता है
प्रकाश के लिए, 
नवनिर्माण के लिए,
भटके को राह दिखाने के लिए,
प्रभु की आराधना के लिए,
हे आर्य! आत्मसात कर लो
इसके गुणों को,
अपना लो इसका स्वभाव,
प्रतीक बनो क्रांति के आगमन का,
सूचक हो परिवर्तन का,
मिटा दो अकेले
अंधकार के साम्राज्य को,
फैला सन्देश
तमसो मा ज्योतिर्गमय,
बन चलो
एक किरण आशा की,
जलाओ एक लौ
विश्वास और सजगता की,
पी जाओ विष भय का,
सोख लो सब कालिमा,
अग्रदूत बनो उजाले के,
निभाओ अपना धर्म,
अपने बुझने तक |

Views: 718

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 5, 2012 at 5:45pm

आदरणीय सुरेन्द्र शुक्ल जी.........आपने बिलकुल सही कहा........लोग ऐसे बन जाएँ तो आनंद और आये........आपका बहुत-बहुत धन्यवाद | जय श्री राधे |

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 5, 2012 at 5:35pm

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय संजय मिश्रा सर......स्नेह बनाये रखियेगा........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 5, 2012 at 5:33pm

स्वागत है मित्र अरुण शर्मा जी.......आपका हार्दिक आभार.........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 5, 2012 at 5:30pm

आदरणीय रक्ताले सर....प्रेम भरी प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभारी हूँ.....स्नेह बनाये रखियेगा......

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on August 5, 2012 at 3:53pm

बहुत सुन्दर... वाह!

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 5, 2012 at 3:18pm

क्या बात है गौरव जी क्या खूब बयाँ किया है आपने मित्र

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 5, 2012 at 12:50am

मिटा दो अकेले

अंधकार के साम्राज्य को,
फैला सन्देश
तमसो मा ज्योतिर्गमय,
बन चलो
एक किरण आशा की,
जलाओ एक लौ
बहुत सुन्दर सन्देश देती जागृत करती रचना ...अजीतेंदु जी काश लोग ऐसे बन जाएँ तो आनंद और आये ....जय श्री राधे .....भ्रमर ५ 
Comment by Ashok Kumar Raktale on August 5, 2012 at 12:00am

गौरव जी

             नमस्कार, नेक विचारों को प्रदर्शित करती सुन्दर रचना. बधाई.

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 4, 2012 at 5:43pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर, आपकी छोटी सी प्रतिक्रिया प्रेम और भावना के विशाल समुद्र को अपनेआप में छुपाये हुए है...आपका बहुत-बहुत धन्यवाद......

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 4, 2012 at 5:32pm

आदरणीया रेखा जी, दिया हमेशा प्रकाश ही देता है....कभी अँधेरे से दोस्ती नहीं करता......मनुष्य के लिए दिया अनुकरणीय है......आभार.....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service