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जिंदगी का ये चौराहा , अपने दम पर गर्वित हाथ फैलाये खड़ा ,कुछ इठलाकर , सोचे कि मंजिल दिखता है सबको राह बताता है । जिंदगी के इस चौराहे पर कितनी ही गाड़िया आती चली जाती हैं , फिर बचती है बस वो सूनी खाली राह , इंतज़ार में फिर किसी मुसाफ़िर के जो आयेगा और अपनी मंजिल पायेगा , बढता चला जायेगा । पर जब राह ही मालूम ना हो तो ये क्या आभास करायेगा , राह दिखाने का आभास या राह में अकेले खो जाने का आभास । क्या ये चौराहा अकेलेपन में चुभती उस साँस को कुछ आस दिलायेगा या देख उसे हँसता जायेगा , जोर से या मन ही मन उसका उपहास उड़ायेगा । सूनसान और अकेले उन रास्तों पर खो जाने का डर तो होगा पर एक विश्वास भी होगा उस चौराहे पर , जहाँ कोई तो आयेगा जो राह दिखायेगा , मंजिल दिलायेगा । पर ये चौराहा करता रहेगा इंतज़ार हर रोज नयी उम्मीद लिए नये मुसाफ़िरों का । - दीप्ति शर्मा

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Comment by Albela Khatri on August 2, 2012 at 11:34pm

सादर

Comment by deepti sharma on August 2, 2012 at 9:13pm

आदरणीय सूर्या बाली   जी ,,, बहुत बहुत  शुक्रिया ,, अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा .. आभारी हूँ .

Comment by deepti sharma on August 2, 2012 at 9:12pm

आदरणीय सुरेन्द्र कुमार  जी ,,, बहुत बहुत  शुक्रिया ,, अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा .. आभारी हूँ .

Comment by deepti sharma on August 2, 2012 at 9:11pm

आदरणीय अलबेला खत्री  जी ,,, बहुत बहुत  शुक्रिया ,, अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा .. आभारी हूँ

Comment by deepti sharma on August 2, 2012 at 9:11pm

आदरणीया रेखा जोशी  जी ..बहुत बहुत  शुक्रिया ,, अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा .. आभारी हूँ ..

Comment by deepti sharma on August 2, 2012 at 9:10pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी ..बहुत बहुत  शुक्रिया ,, अपना आशीष यूँ ही बनाये रखियेगा .. आभारी हूँ ..

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on August 2, 2012 at 11:11am

दीप्ति जी नमस्कार ! महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना "प्राण प्रिये "  के लिए बहुत सारी  बधाइयाँ  स्वीकार करें।

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 1, 2012 at 11:54pm
आदरणीया दीप्ति जी महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना "प्राण प्रिये "  के लिए लख लख बधाइयाँ  आप यों ही और उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर बढती  रोशन करें समाज को ...
सुन्दर लघु कथा ...आइये चौराहे जैसा हम भी नयी उम्मीदों नए सपनो को साकार करने के लिए जुटे रहें ..........
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई  आप को और हमारे सभी प्रिय मित्रों को .
.प्रभु से प्रार्थना है कि ये भाई बहन का पर्व यों ही सदा सदा के लिए अमर रहे प्रेम उमड़ता रहे और बहनों की सुरक्षा के लिए हम सब के मन में जोश द्विगुणित होता रहे ...
आइये बहनों को सदा खुश रखें हंसे हंसाएं प्रेम बरसायें ...तो आनंद और आये ...
जय श्री राधे 
आप सब का 'भ्रमर'५ 
Comment by Albela Khatri on August 1, 2012 at 11:26pm

waah !

Comment by Rekha Joshi on August 1, 2012 at 8:44pm

ये चौराहा करता रहेगा इंतज़ार हर रोज नयी उम्मीद लिए नये मुसाफ़िरों का ,बहुत खूब दीप्ति जी ,अति सुंदर रचना पर हार्दिक बधाई 

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