आदरणीया/आदरणीय गुरुमां, गुरुजनों और मेरे प्रिय मित्रों. आज पहली बार मैंने ओ.बी.ओ पर ग़ज़ल की कक्षा से सीख कर एक ग़ज़ल लिखने का प्रयास किया है. कृप्या मेरा मार्ग दर्शन करें कि मैंने कहाँ पर त्रुटी की है. सभी को सादर प्रणाम.
दो घूंट भरके पी ले, बड़ी उम्दा शराब है,
ए दोस्त तेरी प्यार में किस्मत ख़राब है,
धोखा है, बेवफा है, ये हुस्न है फरेबी,
मोहोब्बत भरे दिलों को, लूटे शबाब है,
तोहमत लगाओ चाहे,चाहे करो सवाल,
मिलता नहीं पलट कर, कभी कोई जवाब है,
बेचैनी बेवजह,उलझन भी मिली तबसे,
जबसे हुई है चोरी, दिल की किताब है,
रवां हो भी नहीं पाता है, की इतनी जल्दी,
पलकों की पंखुड़ियों से टूट जाता ख्वाब है......
Comment
आदरणीया बहुत बहुत शुक्रिया.
बहुत अच्छा प्रयास है
भ्राताश्री अम्बरीश जी,
बहुत - बहुत शुक्रिया, आपने मार्गदर्शन किया. आपका आशीर्वाद और स्नेह यूँ ही बना रहा तो जरुर ये कमियां दूर हो जायेंगी.
अरुन भाई प्रसंशा के लिए आभार
भ्रमर जी बहुत - बहुत शुक्रिया.
भाई अरुण जी , बेहतर प्रयास किया है आपने ! बहुत-बहुत बधाई | इसी तरह अभ्यास करें तो बहुत जल्द ही उम्दा गज़ल कहने लगेंगे.......
गज़ल में सुधार हेतु आवश्यक सुझाव.....
इस गज़ल की बह्र है
मफईलु फाइलातु मफाईलु फाइलुन
२२१ २१ २१ १२२१ २१२
अब अपने मतले की तकतई देखें....
२ २ १ / २१२१ / १२२२१/ २१२/
दो घूंट/ भरके पी ले/, बड़ी उम्दा श/राब है,
१२१ / २१२१ / १२२१ /२१२
ए दोस्त/ तेरी प्यार/ में किस्मत ख़/ राब है,//
शेर का सुधरा रूप यह रहा .....
२२१/ २१२१/ १२२१/ २१२
दो घूंट/ भरके पी ले/, ये उम्दा श/राब है,
२२१/ २१२१/ १२२१/ २१२
ऐ दोस्त/ तेरी प्यार/ में किस्मत ख़/राब है,
इस मतले के शेर से आपका काफिया शराब व ख़राब का कामन भाग अर्थात 'राब' निर्धारित हो गया है| परन्तु अगले शेर मे आपका काफिया 'आब' है| जो कि दोषयुक्त ही हुआ न ... ठीक इसी प्रकार शेष अशआर को चेक करें व दोष स्वयं ढूँढें व अभ्यास करें .......
नोट : वज्न जानने के लिए उच्चारण में लगने वाले समय के अनुसार १ या २ निर्धारित किया जाता है .....
सस्नेह
बेचैनी बेवजह,उलझन भी मिली तबसे,
जबसे हुई है चोरी, दिल की किताब है, ...... उम्दा ख्याल है सर जी ! प्रयास करते रहें !
बेचैनी बेवजह,उलझन भी मिली तबसे,
जबसे हुई है चोरी, दिल की किताब है,
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