For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

साहित्य विहार में बहार देवनागरी

भीनी भीनी मीठी मीठी
मधुर सुगन्ध लिए
साहित्य विहार में बहार देवनागरी

बिखरी अनेकता को
एकता में जोड़ती है
तार तार से जुड़ी सितार  देवनागरी

नेताजी,पटेल,लाला
लाजपत राय  जैसे 
क्रान्तिकारियों की तलवार देवनागरी

तुलसी,कबीर,सूर,
रहीम,बिहारी,मीरा,
रसखान से फूलों का हार देवनागरी

Views: 629

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 9, 2012 at 8:08pm

आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय हरीश भट्ट जी......
विनम्र आभार

Comment by Harish Bhatt on July 4, 2012 at 3:01pm

आदरणीय अलबेला जी नमस्‍ते, माह का सक्रिय सदस्‍य चुने जाने पर हार्दिक बधाई.

Comment by Albela Khatri on July 4, 2012 at 2:22pm

बहुत बहुत धन्यवाद आपको और हम सबके संगम स्थल ओ बी ओ को.....सम्मान्य सुरेन्द्र कुमार शुक्ला भ्रमर जी, मन अभिभूत है आप सब के इस स्नेह के लिए........पता नहीं, मैं इस पुरस्कार के योग्य था या नहीं, परन्तु मिला है तो मन मधुबन खिला है अभी यात्रा पर हूँ.....आज जगदलपुर ( बस्तर ) से विजयवाड़ा जा रहा हूँ..........इसलिए ज़्यादा समय नहीं दे पा रहा हूँ..........इस बात का बहुत मलाल है . सचमुच, बहुत मिस कर रहा हूँ आप सब को............... :-(((((((((

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 2, 2012 at 11:00pm
आदरणीय अलबेला जी आप को हार्दिक  बधाइयाँ  महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर ..उम्मीद है ये कारवाँ हिंदी साहित्य का अपने चरम तक बढ़ता चलेगा और एक न एक दिन हिंदी ब्लागिंग और हिंदी साहित्य को भी अपना प्यारा मुकाम मिलेगा ....शुभ कामनाएं ..
.बिखरी अनेकता को 
एकता में जोड़ती है 
तार तार से जुड़ी सितार  देवनागरी ....जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 
Comment by Albela Khatri on June 28, 2012 at 11:53am


आपका प्यार  सर आँखों पर कुमार गौरव अजीतेंदु जी
धन्यवाद
आभार !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 28, 2012 at 11:28am
वाह वाह अलबेला भैया, कितने सुंदर शब्दोँ मेँ देवनागरी लिपि के सम्मान मेँ लिखा आपने। बधाई।
Comment by Albela Khatri on June 27, 2012 at 11:43pm

बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत बहुत शुक्रिया
उमाशंकर मिश्रा जी.......
आपकी टिपण्णी और आपका प्यार सर आँखों पर

____आभार

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 27, 2012 at 11:03pm

जय हो जय हो अलबेला जी आपने इस छंद से मन ही हर लिया हिंदी के लिए आपका ये छंद हिंदी पढ़ने लिखने को उत्प्रेरित करेगा

बहुत उत्तम ....यज्ञ है ये ...

Comment by Albela Khatri on June 27, 2012 at 10:13pm

बहुत बहुत धन्यवाद राज तोमर  साहेब
बहुत बहुत शुक्रिया
____आभार

Comment by Raj Tomar on June 27, 2012 at 9:53pm

बहुत खूबसूरत रचना, बधाई हो सर जी. :)

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
4 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
8 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service