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ऐसे थम थम के जो चलोगी क़यामत होगी

तेरी चाहत में डूब रब की इबादत होगी
मेरे इस दिल पे अगर तेरी इनायत होगी

तेरे क़दमों की आहटों पे मिटे बैठे हैं
ऐसे थम थम के जो चलोगी क़यामत होगी

मेरा वादा है याद मेरी तुझे आयेगी
रोने गाने के बाद मुझसे मुहब्बत होगी

मेरी आँखों को काश पढना तुझे भी आता
हाले दिल मैंने जो कहा तो अदावत होगी

मैंने तो माँगा है उसे ही "दीप" हर दर में
मेरी चाहत औ दुआ से वो सलामत होगी


संदीप कुमार पटेल "दीप"









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Comment by Ajay Singh on May 31, 2012 at 3:22pm

nice one ...... sandeep ji

Comment by आशीष यादव on May 26, 2012 at 10:26am

शानदार शेर,
मनोभावों का सुन्दर वर्णन। प्रत्येक शेर शानदार है।
बधाई

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 25, 2012 at 11:36pm

तेरे क़दमों की आहटों पे मिटे बैठे हैं 
ऐसे थम थम के जो चलोगी क़यामत होगी 

मैंने तो माँगा है उसे ही "दीप" हर दर में 
मेरी चाहत औ दुआ से वो सलामत होगी 

सुन्दर ...संदीप जी हाँ वो सलामत रहे तो आप और सब प्रेमी भी ..उनको हमारी दुआ लग जाए ....भ्रमर ५ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 25, 2012 at 1:27pm

खूबसूरत ग़ज़ल 

Comment by Yogi Saraswat on May 25, 2012 at 11:59am

मेरा वादा है याद मेरी तुझे आयेगी
रोने गाने के बाद मुझसे मुहब्बत होगी

खूबसूरत  अल्फाज़ !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 24, 2012 at 7:29pm

मैंने तो माँगा है उसे ही "दीप" हर दर में
मेरी चाहत औ दुआ से वो सलामत होगी

खुबसूरत मकता, सभी अशआर सुन्दर लगे , दाद कुबूल करें |

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 24, 2012 at 6:38pm

तेरे क़दमों की आहटों पे मिटे बैठे हैं 
ऐसे थम थम के जो चलोगी क़यामत होगी 

bahi sandip ji kayamat ho gayi. bahut jandar ,badhai 

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