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सूरज कभी सोता नही [लघु कथा ]

नन्हे बबलू ने रोहित से पूछा ,''अंकल क्या सूरज थकता नही है ?वह तो कभी सोता ही नहीं ,''उस नन्हे बच्चे के इस सवाल ने रोहित को लाजवाब कर दिया |एक हारे हुए इंसान को उम्मीद की नवकिरण  दिखा रहा था ,उस पांच साल के नन्हे से बच्चे का सवाल |एक हारा हुआ बिल्डर जिसकी बनाई हुई इमारत हाल ही में तांश के पत्तो सी बिखर गई थी और उसके साथ साथ उसकी आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो  चुकी थी,लेकिन बबलू  का वह वाक्य उसे एक नई राह दिखा रहा था | रोहित ने अपनी कम्पनी के पूरे स्टाफ को फिर से बुलाया ,नयी रूपरेखा तैयार की गई और जुट गया एक बार फिर से उस प्रोजेक्ट को नए सिरे से बनाने में |इस बार रोहित बड़ी सतर्कता से हर काम अपनी  ही देख रेख में करवा रहा था ,उसे न दिन का होश रहता था न रात का ,किसी पर कोई काम छोड़ता ही नही था| नन्हे बबलू के शब्द उसके कानो में सदा गूंजते रहते थे .उसे सूरज की तरह ही बनना है ,कभी थकना नही है |एक दिन उसकी अनथक मेहनत रंग ले ही आई और उसकी हार जीत में बदल चुकी थी |वह उस बुलंद इमारत के सामने खड़ा उसके पीछे प्रेरणा देते हुए चमकते सूरज को टकटकी बांधे निहार रहा था ,आज उस नन्हे बच्चे के सवाल का जवाब उसके पास है ,''सूरज कभी सोता नही ''|

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Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 8:23pm

आदरणीय प्रदीप जी ,उत्साहवर्धक कमेन्ट के लिए बहत बहुत धन्यवाद |आभार |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 7:41pm

SHARIF AHMED JI 

,आपको मेरी रचना पसंद आई ,धन्यवाद ,आगे भी ऐसे ही उत्साह बढ़ाते रहे |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 7:34pm

अविनाश जी ,आपको मेरी रचना पसंद आई ,धन्यवाद ,आगे भी ऐसे ही उत्साह बढ़ाते रहे |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 7:32pm

धन्यवाद योगी जी ,आपके कमेंट्स मुझे प्रेरणा देते है ,आभार |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 7:30pm

Ajay ji ,apka bahut bahut dhnvaad ,aese hi utsaah bdhaate rhe .


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 23, 2012 at 11:55am

बहुत ही प्रेरक प्रस्तुति, बधाई स्वीकार करें रेखा जोशी जी ...

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 22, 2012 at 11:12pm

आदरणीया रेखा जी बहुत सुन्दर ..प्रेरणा पुंज हमें कहीं से भी मिले उसकी रौशनी में नहा लेना चाहिए ..सुन्दर सन्देश ..आभार ....भ्रमर ५ 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 22, 2012 at 9:27pm

रेखाजी

            सादर, बहुत ही प्रेरणादायक लघुकथा. बधाई.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 22, 2012 at 5:45pm

आदरणीय  रेखा  जी, सादर अभिवादन 

प्रेरणादायक कथा , प्रोत्साहित हुआ, उर्जा मिली 
बहुत अच्छा सदेश , बधाई 
Comment by SHARIF AHMED QADRI "HASRAT" on May 22, 2012 at 3:28pm

beshaq pareshaniyan jo zindghi me aati aati hain lekin unse haar kar hatash nahin hona chahiye koshish karte rehna chahiye ..............bahut achcha sandesh deti hui laghu katha hai ........bahut bahut badhai

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