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''अपने प्यारे बापू''

आज महात्मा गांधी जी की पुन्य तिथि पर एक बालकविता प्रस्तुत है:

अपने प्यारे बापू

कितने अच्छे थे अपने बापू 
सादा सा जीवन था उनका 
लड़े लड़ाई सच की ही वह
ध्यान हमेशा रखा सबका l

हिंसा ना भाती थी उनको
साथ अहिंसा का अपनाया
सबके लिये थी दया-भावना
काम बड़ा करके दिखलाया l

भारत को आज़ाद कराने में
लगा दिया जीवन था सारा
देश छुड़ाया जब अंग्रेजों से     
सबसे ऊँचा था उनका नारा l

दुबली-पतली काया थी पर
हिम्मत थी उनमें लोहे सी 
वो मन के बड़े ही पक्के थे    
दुश्मन की हुई ऐसी-तैसी l

खाना वो सादा सा खाते थे
सादा सा ही था पहनावा
साधारण थे बोल-चाल में 

ना घमंड ना कोई छलावा l

बड़ा सरल स्वभाव था उनका 
अडिग रहे वह निश्चय पर
सत्य और न्याय को पूजा
उनको नहीं था किसी का डर l

साबरमती के संत में सच्ची

थी एक अपनी ही पहचान 
अपने देश की करी भलाई    
हो गये फिर उसपर कुर्बान l

अंग्रेजों के चंगुल से वापस  
अपना देश किया आजाद
शांति-अहिंसा की सीखें उनकी  
सदा रखेंगे हम सब याद l

-शन्नो अग्रवाल 

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Comment

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Comment by Shanno Aggarwal on February 1, 2012 at 1:50am

राज बुन्देली जी एवं राजेश कुमारी जी...सराहना के लिये आपका हार्दिक धन्यबाद. 

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on January 31, 2012 at 12:55pm

वाह,,,,क्या बात है ,,,,,बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 31, 2012 at 10:27am

गाँधी जी के उपर बहुत सुंदर कविता लिखी है शन्नो जी

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