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THANKS SHANNO JI ! YAHI SHER MUJHE PASAND HAI SABSE ZYADA |
WELCOME DUSHYANT JI AAPKA NAAM HEE KAAFI HAI ASAR KE LIYE !
वाह दुष्यंत जी क्या कहने वाह !! आपकी इस विस्तृत समीक्षा ने इस ग़ज़ल की गहराई और बढ़ा दी | आभारी हूँ आपका | स्नेह बना रहे | man to mera PRAFFULIT HO GAYA "" THANKS DUSHYANT JEE
Ek se badkar Ek Sher .....Kya Baat hai Sir Ji......Badhai Swikaar Kare Atendra Ka........
इस ग़ज़ल के सभी शेर हर तरह से क़ामयाब हैं, अरुण अभिनव भाई. किस एक अशार का नाम लें. मतले से लेकर आखिरी अशार तक सभी के सभी मायनों से भरे और भारी.
बहुत-बहुत बधाई.
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