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क्या रंग है आँसू का

क्या रंग है आँसू का कैसे कोई बतलाएगा?

सुख का है या दु:ख का है ये कोई कैसे समझाएगा?

कभी किसी के खो जाने से, कोई कभी मिल जाए तो 

कभी कोई जो दूर हो गया, कोई पास कभी आ जाए तो 

किस भाव में कितना बहता, कोई ध्यान नहीं रखता

हर हाल में इसका एक ही रंग है, फर्क ना कोई कर सकता 

कभी दर्द में बह जाता है, हंसी में भी ये दूर नहीं 

हम इस पर काबू कर पाये, ये इतना भी कमजोर नहीं 

हरेक काल में एक जैसा है, चाहे धूप या छाया हो 

भूखे पेट कोई हो या फिर, कई दिनों पर खाया हो 

पैसे कोई लूट ले जाए, या ज्यादा पैसा घर आ जाए 

दुनिया कोई छोड़ के जाए, या नया मेहमान घर में आए 

हर बूंद का रंग एक, हर बूंद का स्वाद एक है 

चाहे भावना जैसी भी हो, बहाने की रफ्तार एक है 

होंठ जो बाते कह ना पाए, बहती धारा सब कह जाए

बिन शब्दों के बिन भावों के ये दूनैया के रंग समझाए

क्या रंग है आँसू का कैसे कोई बतलाएगा

सुख का है या दु:ख का है ये कोई कैसे समझाएगा

"मौलिक व अप्रकाशित" 

अमन सिन्हा 

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Comment

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Comment by Dayaram Methani on June 2, 2022 at 3:12pm

आदरणीय अमन सिन्हा जी, आंसुओं पर सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by सूबे सिंह सुजान on May 27, 2022 at 9:42pm

बहुत सुंदर कविता

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