For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ताकत .....

"क्या बात है रामदेव जी। आज बहुत  उदास लग रहे हो ।"" दीनानाथ जी ने चाय पीते- पीते पूछा ।

"दीनानाथ जी आजकल किसी को कुछ कहने का जमाना नहीं है ।" रामदेव ने कहा ।

"क्या हुआ कुछ बताओ तो।" दीनानाथ जी बोले ।

"अरे कल रात की ही बात है । आधी रात को सड़क बनाने वाले इंजन की आवाज़ सुनकर हमारी नींद उखड़ गई । बाहर  आकर देखा तो रोड रोलर हमारी गली के कोने की दुकान के सामने की सड़क के छोटे से टुकड़े पर डामरीकरण कर रहे थे ।" रामदेव जी बोले जा रहे थे ।

"फिर क्या हुआ रामदेव जी ।"

"फिर हमने दीनानाथ जी  उनसे  अनुरोध किया कि भाई ये हमारे गेट के सामने सड़क पर छोटा सा गढ्ढा है, इसे भी भर दो ।यहाँ आँगन धोने पर पानी इकट्ठा हो जाता है ।" रामदेव जी ने कहा ।

"फिर गढ्ढा भर गया क्या ?" दीनानाथ जी बोले ।

"अरे कहाँ ।वो हमें आश्वासन दे कर  अपने काम में लग गये ।हम थोड़ी देर तक देखते रहे पर वो हमारे घर के  आगे से निकल गए पर गढ्ढा नहीं भरा  और दो घर छोड़कर ही वार्ड पार्षद के घर के सामने कच्चे फुटपाथ का डामरीकरण करने लगे जहाँ पर  उनकी कार पार्क होनी थी ।" रामदेव बोले ।

"तुमने पार्षद से क्यों नहीं कहा ।"दीनानाथ जी ने कहा ।

"हमने कहा तो बोले रामनाथ जी बजट  आने दो , सबसे पहले आपके सामने वाले गढ्ढे का डामरीकरण करवाएंगे। ये कहकर वो अपने घर चले गए ।हम भौंचके से सोचते रह गए कि सरकार की सबसे छोटी इकाई का एक ही मोहल्ले में बरसों साथ रहकर ये हाल है कुर्सी पर पदासीन नेताओं का क्या हाल होगा ।" रामदेव जी धीरे से बोले ।

"यार दीनानाथ कुर्सी की ताकत कैसे यथार्थ को बेरहमी से कुचल देती है , ये आज हमने देखा । यहाँ सिर्फ मैं , मेरा परिवार का स्वार्थ चलता है यारी दोस्ती पड़ोस सब संबंध व्यर्थ हैं ।" रामदेव जी ने कहा ।

दीनानाथ जी सहमति के  अन्दाज़ में  सिर हिलाते हुए उठे और सोचते हुए चल पड़े कि अगर बाड़ ही खेत खाने लगे तो देश की समस्याओं का हल कैसे होगा ।

सुशील सरना / 30-4-22

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 608

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on May 10, 2022 at 8:18pm
आदरणीय समर कबीर जी, आदाब, सृजन पर आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया एवं सुझाव का दिल से आभार ।
Comment by Samar kabeer on May 9, 2022 at 6:32pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, लघुकथा का प्रयास अच्छा हे , लिखने से पहले पटल पर मौजूद आलेखों का अध्यन ज़रूर करना था , शेष जनाब उस्मानी जी कह चुके हैं I 

Comment by Rachna Bhatia on May 6, 2022 at 11:51am

आदरणीय सुशील सरना जी , मैं समीक्षा करने के लायक़ तो नहीं हूँ।

पर समय मिलते ही अपनी सोच के अनुसार इस लघुकथा को लिखने की कोशिश ज़रूर करूँगी। सादर।

Comment by Sushil Sarna on May 3, 2022 at 12:04pm
आदरणीया रचना जी, सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार । आदरणीया जी मैं लघु कथा बहुत कम लिखता हूँ । आपसे निवेदन है कि
अगर आप एक बार इसकी विस्तृत समीक्षा कर देंगी तो मैं त्रुटियों से रूबरू हो पाऊंगा ।आपका उपकार होगा ।सादर नमन
Comment by Rachna Bhatia on May 2, 2022 at 2:50pm

आदरणीय सुशील सरना जी अच्छी लघुकथा  हुई है बधाई। मैं शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी से सहमत हूँ कि कुछ शब्दों के हेरफेर से लघुकथा की कसावट बेहतर हो सकती है। सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 2, 2022 at 1:09pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2022 at 3:31pm
आदरणीय शेख उस्मानी जी सृजन के प्रयास को मान एवं सुझाव देने के लिए दिल से आभार आदरणीय जी ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on May 1, 2022 at 10:30am

आदाब। एक ज्वलंत समस्या और कड़वे सच को उभारती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई जनाब सुशील सरना जी। इस विधा में भी आपकी सक्रियता हमें प्रभावित व आकर्षित करती है। इस रचना में आपने सब कुछ स्वयं या पात्रों के माध्यम से कह दिया है। बहुत कुछ पाठक स्वयं समझ लेते हैं। आशय यह कि कुछ शब्द कम किये जा सकते हैं। कुछ बातें इशारे में कही जा सकती हैं। संवादों में पात्र नामों को दोहराने के बजाय संवाद के बाद के वाक्यांश में किसी तरह बताने की शैली अपनाई जा सकती है मेरे विचार से। कुछ समस्याएं हमें जनभागीदारी से हल कर लेनी चाहिए चंदा इकट्ठा करके। पार्षद और सांसद विधायक वगैरह आलकमान के निर्देश अनुसार वोटबैंक अनुसार काम करवाते देखे गये हैं या फिर अपने या.केवल नेताओं के लाभार्थ कार्य करवाते हैं ऐसे मौकों पर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सत्तरवाँ आयोजन है।.…See More
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service