For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देह पर कुछ दोहे, ,,,,,,

देह पर कुछ दोहे, ,,,,,,

देह धरा में खो गई, शून्य हुए सम्बंध ।
तस्वीरों में रह गई, रिश्तों की बस गंध ।।


देह मिटी तो मिट गए, भौतिक जग के दंश ।
शेष पवन में रह गए, कुछ यादों के अंश ।।


देह छोड़ के उड़ चला ,श्वास पंख का हंस ।
काल न छोड़े जीव को ,होता काल नृशंस ।।


आती -जाती देह में , सांसे हैं आभास ।
एक श्वास का भी नहीं, जीवन में विश्वास ।।


देह दास है श्वास की, श्वास देह की प्यास ।
श्वास देह की जिंदगी, श्वास देह की आस ।।

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 579

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on September 11, 2020 at 8:03pm

आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'   जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभारी

Comment by Sushil Sarna on September 11, 2020 at 8:02pm

आदरणीय आशीष यादव  जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभारी

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 11, 2020 at 5:40pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

Comment by आशीष यादव on September 10, 2020 at 10:36pm

बहुत ही अच्छे दोहों का सृजन हुआ है। आदरणीय श्री सुशील सरना जी को बहुत बहुत बधाई। 

Comment by Sushil Sarna on September 8, 2020 at 12:24pm
आदरणीय समर कबीर जी, आदाब, सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार सर
Comment by Samar kabeer on September 7, 2020 at 7:50pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on September 6, 2020 at 10:28pm
आदरणीय दयाराम जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभारी
Comment by Dayaram Methani on September 5, 2020 at 9:46pm

आदरणीय सुशील सरना जी, देह पर सुंदर दोहों के सृजन पर हार्दिक बधाई।

Comment by Sushil Sarna on September 5, 2020 at 6:32pm
आदरणीया जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार
Comment by Dimple Sharma on September 5, 2020 at 3:53am

आदरणीय सुशील शर्मा जी नमस्ते, सभी दोहे कमाल है पर मुझे तीसरा दोहा विशेष पसंद आया आदरणीय बधाई स्वीकार करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"प्रवृत्तियॉं (लघुकथा): "इससे पहले कि ये मुझे मार डालें, मुझे अपने पास बुला लो!" एक युवा…"
Thursday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service