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चिकनी बातों....(गजल)

22  22  22  22  22  22

चिकनी बातों में आ जाना अच्छा है क्या?
बेमतलब खुद को बहलाना अच्छा है क्या??1

मूंछों पर दे ताव चले हर वक्त महाशय,
टेढ़ी पूंछों को सहलाना अच्छा है क्या?2

गाओ अपना गीत,करो धूसर वैरी को
कटती गर्दन तब मुसुकाना अच्छा है क्या?3

देखा है दुनिया ने अपना पौरुष पहले
नासमझों के गर लग जाना अच्छा है क्या?4

बाजार बनी जिसके चलते धरती अपनी
उस कातिल से हाथ मिलाना अच्छा है क्या?5

तुम बंद करो सामान पराए अधिकाधिक
औरों की यूं खाट सजाओ, अच्छा है क्या?6

जारी कर दो फरमान,' बने घर घर खाना'
बिन पानी के पेड़ उगाना अच्छा है क्या?7

जन्मों से न निकला जिन बातों का मतलब
फिर फिर वैसा कुछ बतियाना,अच्छा है क्या?8

कांटे लेकर हाथ खड़े जो जग जाहिर - से
फूल समझ उनसे बतियाना,अच्छा है क्या?9

"मौलिक व अप्रकाशित"

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Comment

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Comment by Manan Kumar singh on June 19, 2020 at 9:14pm

जी समर जी नमन।प्रयास जारी रहेगा,मुकाम तक जाने तक।

Comment by Samar kabeer on June 19, 2020 at 4:10pm

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

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