For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समझ न आया कि पत्थर से प्यार कैसे हुआ  ( 18)

समझ न आया कि पत्थर से प्यार कैसे हुआ 
हसीन हादसे का मैं शिकार कैसे हुआ 
***
कहा है तूने कि ये हादसा नहीं है गुनाह 
हुआ गुनाह तो फिर बार बार कैसे हुआ 
***
हुई है कोई ग़लतफ़हमी आपको मुंसिफ़ 
करे जो प्यार कोई गुनहगार कैसे हुआ 
***
करेगा कौन यक़ीं गर मुकर भी जाओ तो 
चला न तीर तो फिर आर पार कैसे हुआ 
***
मुझे तो आती है साज़िश की कोई बू, मुझ पर 
ग़मों का वार ये तरतीब-वार कैसे हुआ 
***
गया है पकड़ा तेरा झूठ या कि फ़िक़्र कोई 
बता कि ज़र्द तेरा रुख़ ऐ यार कैसे हुआ 
***
हयात में कभी यलग़ार-ए-ग़म* के मौके पर 
लगाम छोड़ दे वो शहसवार कैसे हुआ 
***
यक़ीन जिस पे ज़रा सा नहीं था, आज सनम 
वही रक़ीब तेरा राज़दार कैसे हुआ 
***

ख़ुशी बहुत है,मगर इश्क़ के शहीदों में

बता 'तुरंत कि मेरा  शुमार कैसे हुआ


***
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी 

( मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 718

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 29, 2019 at 5:04pm
Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 29, 2019 at 5:02pm

Samar kabeer  सर ,यू आर ग्रेट | गज़ब की इस्लाह की है आपने | बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार | 

Comment by नाथ सोनांचली on January 29, 2019 at 4:52pm

आद0  गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' जी सादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने। शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद कुबुल करें।

Comment by Samar kabeer on January 29, 2019 at 3:35pm

//मुझे ख़ुशी है 'तुरंत ' इश्क़ के शहीदों में 
पता नहीं है मेरा भी शुमार कैसे हुआ//

इसमें शिल्प ठीक नहीं,ये देखे:-

'ख़ुशी बहुत है,मगर इश्क़ के शहीदों में

बता 'तुरंत कि मेरा भी शुमार कैसे हुआ'

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 29, 2019 at 2:10pm

 Samar kabeer साहेब ,आदाब | 

आपकी क़ीमती दाद मेरे लिए वाइस-ए-फ़ख्र है मोहतरम   | नवाज़िश-ओ-करम का दिल से शुक्रिया |

बहुत पैनी नजर है  आपकी | इस बिंदु पर तो मेरा ध्यान जा ही नहीं सकता था | आपके सुझाव के अनुसार शेर कुछ इस प्रकार हो सकता है -मुझे ख़ुशी है 'तुरंत ' इश्क़ के शहीदों में
पता नहीं है मेरा भी शुमार कैसे हुआ

Comment by Samar kabeer on January 28, 2019 at 6:05pm

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें 

'शहीद-ए-इश्क़ में मेरा शुमार कैसे हुआ'

इस मिसरे में 'शहीद-ए-इश्क़' का अर्थ है,इश्क़ का शहीद, और यहाँ "शहीदों"बहुवचन चाहिये,इस बिंदु पर विचार करें ।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 28, 2019 at 4:33pm

आदरणीय  Surkhab Bashar जी आपकी हौसला आफ़जाई के लिए शुक्रगुज़ार हूँ | सादर नमन | 

Comment by Surkhab Bashar on January 28, 2019 at 11:52am

आ.  "तुरंत" जी ग़ज़ल बहुत  ख़ूब है 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 26, 2019 at 10:58pm

आदरणीय arun जी ,

खाकसार का कलाम पसन्द करने और हौसला आफजाई का बेहद शुक्रिया | 

 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 26, 2019 at 10:57pm

आदरणीय Ravi Shukla जी ,आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रिया जनाब | यह तो बहुत लोकप्रिय बह्र है इसलिए अरकान नहीं दिए | वैसे १२१२ ११२२ १२१२ २२/११२ इसकी मापनी है | 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service