हैप्पी इंडिपेंडेंस डे , आज़ादी की वर्षगांठ मुबारक | आतिशबाजियां छुड़ाते और एक दूसरे को मिठाई खिलाते हुए लोग चिल्ला रहे थे और एक दूसरे को इंडिपेंडेंस डे की शुभकामना भी दे रहे थे |
और सामने की मिठाई की दुकान पर छोटू दौड़ दौड़ कर लोगों को पानी दे रहा था और टेबल साफ़ कर रहा था |
( मौलिक और अप्रकाशित )
Comment
आभार डॉ गोपालजी , डॉ विजयजी और जितेंद्रजी..
विनय जी
कथा बाल श्रम और शोषण का पर्दाफाश करती है i
स्वतंत्रता तो सबके लिए होती है फिर बेचारा छोटू . यही तो बिडम्बना है इंसान अपनी आजादी और शौक में आँखे होते हुए भी अँधा बना रहता है .बहुत बढ़िया लघुकथा, बधाई आदरणीय विनय जी
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