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“दाग“ 

********

मूर्खता है ,

होली में रंगे कपड़ों से

दाग छुड़ाने की कोशिश ।

कोई कहता भी नहीं उसे

दाग दार ।

वो अलग हैं , दागियों से

वो होली के हैं । बस ,

स्वीकार करें ,

वैसे ही ,

अगर मजबूरियाँ हैं ,  पहन भी लें ।

कोई न कहेगा , दागदार , कहेगा होली के ,

दाग दार कहा ही

तब जाता है

जब , सारा कुछ हो उजला

और

दाग हों एक –दो

इंगित भी किया जाता है इसे ही ,

प्रयास भी किया जा ता है

छुड़ाने का ,

रहती हैं अपेक्षाएँ भी

दाग छुड़ा लिये जाने की

ताकि , हो सकें आप ,

निर्मल , बेदाग ,पवित्र ॥

ये तो शुभ सूचक है  ।

आनन्द का ,

खुशी का कारण है ।

मुझे प्राप्त हुआ , ये आनन्द

सौभाग्य से ,

कल भी , और पहले भी

बाटना चाहता हूँ  मै , देना चाहता हूँ

उनको भी ,जो उदास हैं  

कहता हूँ , इसीलिये

उनसे,

दो – एक दाग दिख रहे हैं

कपड़ों में आप के भी ॥

**********************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

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Comment

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 4:17pm

आदरणीय सुशीक भाई , रचना की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 4:16pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई , उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया के लिये आपका शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 4:15pm

आदरणीया उपासना जी,  रचना की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 4:14pm

आदरणीया कुंती जी , रचना के अनुमोदन के लिये आपका आभारी हूँ ॥

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 25, 2013 at 3:25pm

वाह आदरणीय अत्यंत सुन्दर अभिव्यक्ति कितनी सुन्दरता से आपने अपनी बात कही है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Sushil Sarna on December 25, 2013 at 12:46pm

behad khoobsoorat antrang bhaavon kee abhivyakti se pripoorn rachna....haaaaaaaaaaardik badhaae aa.Giriraj jee

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 25, 2013 at 11:46am

बहुत सुंदर रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय गिरिराज जी

Comment by upasna siag on December 24, 2013 at 10:42pm

बहुत सुंदर 

Comment by coontee mukerji on December 24, 2013 at 10:25pm

बहुत सुंदर रचना. शुभकामनाएँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 24, 2013 at 5:55pm

आदरणीय गणेश भाई , आपने सही कहा है प्रस्तुति कमज़ोर है , और मुझे खास ग्यान भी नही है । आपने बहुत कीमती सलाह दी है ॥ मै ज़रूर ध्यान रखूंगा ॥ रचना पर उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया और सलाह के लिये आपका तहे दिल से  शुक्रिया ॥

कृपया ध्यान दे...

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