For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

122 122 122 122

न तकरार समझी न समझा गिला है
बुरी आदतों का यही फाइदा है

गलत ही तलाशा था मय में नशे को
निगाहों में जबके नशा ही नशा है

न अल्फाज कुछ भी बयां कर सकें हों
जो दिल में बसा आँखों से दिख रहा है

ये चेहरे पे रौनक न जाने है कैसे
जिगर जबकि छलनी हमारा हुआ है

किसी तिफ्ल के रूठ जाने से सीखें
भुलाना किसी को अगर सीखना है

बना लो मुहब्बत को औजार यारो!
शज़र नफरतों के अगर काटना है

क़मर पे चढ़ी जा रही है ख़ुमारी
कहीं दूर सूरज कोई ढल रहा है,

करे जिंदगी झूठे वादे वफ़ा के
क़जा बिन हुआ क्या कोई बावफ़ा है

धँसा पेट जिसका हुआ पसलियों
में
कहीं वो सड़क पर ख़ुशी बेचता है

मौलिक एव अप्रकाशित
तिफ्ल:बच्चा

Views: 807

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Afroz 'sahr' on October 20, 2017 at 1:42pm
आदरणीय सतविंदर जी आपने मेंरे कहे को मान दिया आपका मश्कूर हूँ। सादर,,
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 20, 2017 at 11:38am
आ सलीम रज़ा जी,उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 20, 2017 at 11:36am
आदरणीय अफ़रोज़ सहर जी,आपके मार्गदर्शन अनुसार परिष्कार की कोशिश की है। कृपया पुनः नजरे इनायत हो जाए।
मआर्गदर्शन एवं प्रोतसाहन के लिए तहेदिल शुक्रिया
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 20, 2017 at 11:34am
आदरणीय डॉ छोटे लाल जी,प्रयास को समय देकर उत्साहवर्धन के लिए बहुत हार्दिक आभार
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 20, 2017 at 11:31am
आदर0 नीलेश भाई जी,उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत आभार,नमन सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 20, 2017 at 11:30am
आदरणीय मुहम्मद आरिफ़ जी अनुमोदन,और उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत आभार,सादर नमन
Comment by SALIM RAZA REWA on October 19, 2017 at 9:41am
आ. ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई.
Comment by Afroz 'sahr' on October 18, 2017 at 10:22pm
आदरणीय सतविंदर जी बहुत सुंदर रचना के लिए आपको बधाई।
ग़ज़ल के दूसरे शेर के सानी मिसरे में "जबके" की जगह "उसकी" बेहतर रहेगा,सातवें शेर का ऊला मिसरा , ""बना दो मुहब्बत को औज़ार मेंरी" में "मेंरी" की जगह "मेंरा" सही रहेगा,इसी शेर के सानी मिसरे "मुझे नफ़रतों का शजर काटना है" में "का" के स्थान पर "के" मुनासिब होगा,आपने नुक्तों का इस्तेमाल कहीं नहीं किया है जिस से की शब्दों का सही अर्थ गड़बड़ा रहा है जैसे की आठवें शेर में शब्द क़मर (चाँद) होता है जबकी आपने "कमर"अर्थात ( कटि)हो रहा है जिससे भ्रम पैदा हो रहा है।अर्थात अर्थ का अनर्थ हो रहा है।आपने नियमानुसार अर्कान भीनहीं लिखे हैं। गौ़र कीजिएगा ,सादर,,
Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 18, 2017 at 4:36pm
आदरणीय सतविंदर जी बहुत बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने, इस प्रस्तुति पर दिली मुबारकबाद, शेष गुणीजन के हवाले। सादर।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 18, 2017 at 11:32am

आ. सतविन्द्र जी,
अच्छे भावों से सजी    इस ग़ज़ल के लिए बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
49 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
50 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
53 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
54 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"उसके वादे उस पर भारी। लाख  करे  चाहे   तैयारी। कहता है कुछ, कुछ है देता। क्या…"
59 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी प्रदत्त चित्र पर बहुत सुन्दर मुकरियाँ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना जी"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी प्रदत्त चित्रानुसार बहुत सुन्दर मुकरियों का सृजन हुआ है, हार्दिक बधाई स्वीकारें"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार।सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"सोच समझ सब पर छा जाए। शांत चित्त को नजर लगाए। वो छीने जीवन की सुविधा। क्या सखि साजन! ना सखि…"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश जी इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी कह मुकरियों पर किए गए इस प्रयास पर आपकी उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए  हार्दिक…"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service