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एक संदेश : बेटियों के नाम (कुकुभ छन्द )/ सुरेश कुमार ' कल्याण '

मेरी बेटी अब तुम जागो
- - - - - - - - -

मेरी बेटी अब तुम जागो, पढ़ लिख कुछ बन दिखलाओ।
नहीं पैर की जूती औरत, दुनिया को ये बतलाओ ।

वक्त पुराना बीत चुका तू, घर की शोभा होती थी ।
झाड़ू पोंछा मार पिटाई, सिर पे बोझा ढोती थी ।
पढ़ना लिखना नहीं भाग में, अनपढ़ता में रोती थी ।
ज्ञान पुष्प बरसाकर सुन्दर, बगिया को तुम महकाओ।
मेरी बेटी अब तुम---------।

लीपा पोती चुल्हा चौका, सबको लगते हैं प्यारे।
औरत ने सदियों से बेटी, फूल खिलाए हैं न्यारे।
पढ़ले बेटी पढ़ले पोती, है इज्जत हाथ तिहारे।
सूने-सूने इस जीवन को, ज्ञान-जोत से चमकाओ।
मेरी बेटी अब तुम---------।

अनपढ़ता की लीक छोड़कर, गढ़ सा तुझको गढ़ना है ।
त्याग गुलामी के परदे को, आगे तुझको बढ़ना है ।
निकल गाँव गलियों से तूने, हक की खातिर लड़ना है ।
लाज शर्म को त्यागो बेटी, खेलकूद भी अपनाओ।
मेरी बेटी अब तुम-----------।

दुनिया का मुंह मोड़ उठा ले, हाथों में कलम दवातें।
अबलापन लाचारी छोड़ो, तब यह बीतेंगी रातें।
बढ़ा हौसला बन जा चंडी, ना कर दबने की बातें।
बेटी बेटे के अंतर को, पढ़कर बेटी दफनाओ।
मेरी बेटी अब तुम----------।

मेरी बेटी अब तुम जागो, पढ़ लिख कुछ बन दिखलाओ।
नहीं पैर की जूती औरत, दुनिया को ये बतलाओ ।
मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 2, 2016 at 2:20pm
आदरणीय श्री गिरि राज भंडारी जी रचना को सम्मान देने व अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक आभार । सादर ।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 2, 2016 at 2:18pm
आदरणीय श्री सतविंदर भाई जी रचना को मान देने व अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद । सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 1, 2016 at 10:00pm

आदरनीय सुरेश भाई , कुभुक छन्द आधारित अच्छी गीत रचना हुई है , हार्दिक बधाई ।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on September 1, 2016 at 8:14pm
हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश भाई,बेटियों के नाम इस छ्न्द बद्ध रचना के लिए।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 1, 2016 at 8:01pm
आदरणीय श्री रामबली गुप्ता जी रचना पसंद करने के लिए हार्दिक आभार । सादर ।
Comment by रामबली गुप्ता on September 1, 2016 at 6:26pm
बहुत सुंदर छंद हुआ है आद० सुरेश भाई जी बधाई स्वीकार करें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on August 29, 2016 at 5:30pm
श्रद्धेय समर कबीर साहब प्रणाम । रचना को पसंद करने और अपने सुन्दर शब्दों से इसकी तारीफ करने के लिए हार्दिक आभार । सादर ।
Comment by Samar kabeer on August 29, 2016 at 2:37pm
जनाब सुरेश कुमार'कल्याण'जी आदाब,बिटिया को समर्पित बहुत बढ़िया कुकुभ छन्द लिखे आपने,दिल से बधाई स्वीकार करें ।

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