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Richa Yadav's Blog (2)

ग़ज़ल-हर बात अपने दिल की बताई नहीं जाती।

221 2121 1221 212



हर बात अपने दिल की बताई नहीं जाती

करके कोई दुआ भी यूँ गाई नहीं जाती।1

दिल आपकेे है बस में ये अब जानते हैं हम

जादूगरी ऐसी भी दिखाई नहीं जाती।2

हैं दर्द-ओ-ग़म भरे हुए इतने कि क्या कहें

ये दास्तान दिल की सुनाई नहीं जाती।3

ये बदगुमानी आपकी आई है बीच में

बिगड़ी है इतनी बात बनाई नहीं जाती।4

फिर साथ होगी होली दीवाली की धूम भी

हमसे अकेले ईद मनाई नहीं जाती।5

दिल आपका दुखा तो…

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Added by Richa Yadav on December 7, 2020 at 1:29pm — 4 Comments

मिस्मार दिल का ये दर-ओ-दीवार हो गया

बह्र:- 221 2121 1221 212

मिस्मार दिल का ये दर-ओ-दीवार हो गया

मुद्दत हुई तो यार का दीदार हो गया

वो जो चला गया है मेरा शह्र छोड़ कर

लगता है ऐसा मुझको मैं बीमार हो गया

बेमोल ही रहे न किया ज़िंदगी से ग़म

तूने छुआ मुझे तो मैं दीनार हो गया

था मर्ज़ ऐसा जिसकी नहीं थी दवा कोई

तू हाथ थाम कर मेरा तीमार हो गया

तूने गले लगाया "रिया" को मेरे ख़ुदा

लगता है जैसे क़द मेरा मीनार हो गया

"मौलिक व…

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Added by Richa Yadav on October 30, 2020 at 3:30pm — 10 Comments

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