For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Deepak Sharma Kuluvi's Blog – July 2012 Archive (7)

राखी का गिफ्ट



राखी का गिफ्ट

बहना बोली इस बार राखी पे

गिफ्ट अच्छा सा लूँगी

तभी आपकी कलाई पर

राखी मैं बांधूंगी

मैं बोला चाँदी से महँगा हो

गया आलू,टमाटर

ले लेना तुम गिफ्ट में बहना

इक थैला पूरा भर

खुद भी खाना सबको खिलाना

बाँटना सारे मुहल्ले में

खाया न होगा कई दिनों से

अब खाना तुम जी भर

लेकिन धीरे धीरे…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 25, 2012 at 12:43pm — 6 Comments

सुर्खियाँ है बीते सप्ताह की

सुर्खियाँ है बीते सप्ताह की 

प्रणव जी बन गए राष्ट्रपति 

फिर बढे पैट्रोल के दाम

अखिलेश ने माया को ठेंगा दिखाया
बदल दिए आठ जिलों के नाम 
मानसून ग़ुम हो गया…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 25, 2012 at 10:19am — No Comments

कहानी (दुआओं का असर)

कहानी
 
दुआओं का असर…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 18, 2012 at 5:06pm — 7 Comments

कब बदलोगे

कब बदलोगे

कभी मस्जिद में ले चलना कभी मंदिर में आओ तुम

वहीँ से चर्च में चल देंगे मिलजुलकर हम और तुम

यह दर-ओ-दीवार मज़हव की कहीं आड़े न आ जाए

कहीं इंसानियत के फूल को कम्बखत खा जाए

बदलो सोच को अपनी झाँको दिल के बाहर भी

घटिया सोच के दायरे में कहीं हो जाएँ न हम गुम

यह मेरा दावा है गुरूद्वारे में भी राम बसते हैं

ज़रा तू मान ले यह बात दीपक 'कुल्लुवी' की भी सुन…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 13, 2012 at 5:02pm — 6 Comments

सब रह जाएगा

सब रह जाएगा

कहीं किडनी फेल कहीं हार्ट फेल

कुदरत के हैं यह अजीब खेल

कर्म किए हैं तूने जैसे

वैसी ही अब सज़ा तू झेल

भूल गया था तू औकात

कुछ भी तुझको रहा न याद

बहुत हँसा अब रोएगा तू

कौन सुने तेरी फरियाद

वोह ऊपर बैठा सब देखे है

कर्मों के ही सब लेखे हैं

इंसाफ़ करेगा वोह तो ज़रूर

मिटा के रहेगा तेरा गरूर

जीवन में चाहे कुछ भी करना

किसी के हक से घर न भरना

धन दौलत यहीं रह जाएगा

अपनी हस्ती पे गुमाँ न…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 13, 2012 at 10:00am — 6 Comments

किस ज़ुर्म की

किस ज़ुर्म की
 
मुझको मेरे किस ज़ुर्म की सजा देते हो
आप तो मेरे अश्कों से भी मज़ा लेते हो
हम मुहब्बत के लिए जीते रहे और मर भी गए
आप मुझको नहीं खुद को भी दगा देते हो
मुझको मेरे किस ज़ुर्म की स----------…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 10, 2012 at 11:24am — 9 Comments

ग़मगीन

ग़मगीन

तक़दीर ही अपनी ऐसी थी

अपने हिस्से में गम निकले

जब भी कोशिश की हँसने की

आँख से आँसू बह निकले

अतीत नें पीछा छोड़ा न

न अपनों नें ही जीने दिया

खुदा से अब तो यही दुआ है

हँसते हँसते ही दम निकले

दीपक…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 7, 2012 at 1:01pm — 3 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बात करते नहीं हुआ क्या है हमसे बोलो हुई ख़ता क्या है 1 मूसलाधार आज बारिश है बादलों से…"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"खुद को चाहा तो जग बुरा क्या है ये बुरा है  तो  फिर  भला क्या है।१। * इस सियासत को…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service