2122 1122 1122 22
तेरे कूंचे से यूं खामोश निकलकर मैंने
तेरे दीदार किये रूप बदलकर मैंने
इक हिमालय की तरह तुमसे मिला था लेकिन
पाँव अब चूम लिए तेरे पिघलकर मैंने
भौरों कलियों कि कभी बात न मुझसे करना
उम्र अब तक तो है काटी यूं बहलकर मैंने
आजमाया है हुनर आज किसी बच्चे का
उनसे दिल मांग लिया उनका मचलकर मैंने
दिल की चाहत तो है इजहारे मुहब्बत करना
बात पर तुझसे…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on October 9, 2014 at 4:00pm — 14 Comments
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