For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr Ashutosh Mishra's Blog – October 2013 Archive (4)

राह आसां नहीं है उल्फत की

२१२२     १२१२     २२

जिंदगी और इम्तिहान न ले

कुछ भी ले ले मेरा गुमान न ले 

मशविरा है यही फकीरों का  

यूं कभी दी हुई ज़बान न ले  



राह आसां नहीं  है उल्फत की

नन्हे से दिल मे आसमान न ले

चल खिलोनों से खेलते हैं हम

तू अभी हाथ में कृपान न ले 

जो पड़ोसी है मुल्क उसको बता  

असलहों से भरी दुकान न ले

खुल के जी खुद भी, सब को दे…

Continue

Added by Dr Ashutosh Mishra on October 22, 2013 at 12:30pm — 29 Comments

बड़ी बातें मियां छोड़ों

१२२२     १२२२

बड़ी बातें मियां छोड़ों 

हमारा दिल न यूं तोड़ों

न हिन्दू है न वो मुस्लिम 

वो हिंदी है उसे जोड़ो 

छलकती हैं जहाँ आँखें 

मुझे रिन्दों वहां छोड़ों 

लगें दिलकश जो  शाखों पे 

हसीं गुल वो नहीं तोड़ों 

मिलेगी वक़्त पर कुर्सी 

मियाँ कुर्सी को मत दौड़ों 

लुटी कलियाँ चमन की हैं 

दरिंदों को नहीं छोड़ों 

बचा कुर्सी वतन बेंचा 

शरारत ये जरा…

Continue

Added by Dr Ashutosh Mishra on October 19, 2013 at 2:30pm — 18 Comments

दिल में हमारे कैसे ये तूफ़ान जिन्दा रह गया

दिल के बिना जैसे कोई नादान जिन्दा रह गया

वैसे हो बेघर इक हसीं अरमान जिन्दा रह गया 

 

है आदमी ही आदमी की जान का दुश्मन हुआ

यारों खुदा का है करम इंसान जिन्दा रह गया

 

टूटा हमारा  हौसला उम्मीद फिर भी थी जवां

रख आरजू जीने की ये बेजान जिन्दा रह गया

 

मेरे खुदा मुझ पर तेरा रहमो करम हरदम रहा

तूफ़ान में अदना सा ये इंसान जिन्दा रह गया

 

लगते रहे हर रोज ही इल्जाम तो हम पर बड़े  

माँ की दुआओं से…

Continue

Added by Dr Ashutosh Mishra on October 13, 2013 at 3:46pm — 22 Comments

मिलने पर नजरें चुराओगे था मालूम मुझे

यूं मुझे भूल न पाओगे था मालूम मुझे

दिल में लोबान जलाओगे था मालूम मुझे

अपने अश्कों से भिगो बैठोगे मेरा दामन 

एक दिन मुझको रुलाओगे था मालूम मुझे

 

मैंने सीने से लगा रक्खा है तेरा हर ख़त

ख़त मगर मेरा जलाओगे था मालूम मुझे 

 

यूं तो वादा भी किया, तुमने कसम भी खाई.

गैर का घर ही बसाओगे था मालूम मुझे

सारे इलज़ाम ले बैठा तो हूँ मैं अपने सर

मिलने पर नजरें चुराओगे था मालूम मुझे 

डॉ आशुतोष…

Continue

Added by Dr Ashutosh Mishra on October 1, 2013 at 1:58pm — 12 Comments

Monthly Archives

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
9 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service