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Saarthi Baidyanath's Blog – October 2013 Archive (3)

ग़ज़ल- सारथी || दर्दे-दिल दीजिये या दवा दीजिये ||

दर्दे-दिल दीजिये या दवा दीजिये 

बस जरा सा सनम मुस्कुरा दीजिये /१ 

लूट ले जायेगा कोई रहजन सनम 

आप दिल को हमीं में छुपा दीजिये /२ 

आखरी साँस भी ले गया डाकिया 

पढ़! उसे भी ख़ुशी से जला दीजिये /३ 

नींद को ठंड लग जाएगी ऐ खुदा   

लीजिये जिस्म मेरा उढ़ा दीजिये /४  

लग रहा है थका वक़्त भी घूमकर 

पांव उसके दबाकर सुला दीजिये /५…

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Added by Saarthi Baidyanath on October 24, 2013 at 1:30pm — 22 Comments

ग़ज़ल- सारथी || अलग सबसे तबीयत है करें क्या ||

अलग सबसे तबीयत है करें क्या

कि इक बुत से मुहब्बत है करें क्या /१

दुआ में मांगते हैं मौत मेरी

सितमगर की शरारत है करें क्या /२

न कोई आ रहा सुन डुगडुगी अब

मदारी को शिकायत है करें क्या /३

ये आदत छोड़िये जी शाइरी की 

मगर दिल की जरुरत है करें क्या /४

तमाशा देख लो उस नामवर का

लिबासों की इबादत है करें क्या /५

हमें दिल में सनम ने रख लिया है

न मरने की इजाजत है करें क्या /६

अरे अब आसमां मत बांट देना

ज़मीं ने की…

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Added by Saarthi Baidyanath on October 19, 2013 at 12:00pm — 19 Comments

ग़ज़ल- सारथी || ज़िक्र कुछ यार का किया जाये ||

ज़िक्र कुछ यार का किया जाये

ज़िन्दगी आ जरा जिया जाये /१ 

हो चुकी हो अगर सजा पूरी

दर्दे दिल को रिहा किया जाये /२ 

चाँद छूने के ही बराबर है

मखमली हाथ छू लिया जाये /३ 

ज़ख़्म ताजा बहुत जरुरी है

चल कहीं दिललगा लिया जाये /४ 

वक़्त ने मिन्नतें नहीं मानी

माँ को खुलके बता दिया जाये /५ 

हसरतें ईद की अधूरी हैं…

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Added by Saarthi Baidyanath on October 7, 2013 at 11:30am — 30 Comments

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