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Somesh kumar's Blog – July 2018 Archive (4)

खोयी कहानी

कई दिनों से तलाश रहा हूँ

एक भूली हुई डायरी

कुछ कहानियाँ

जो स्मृतियों में धुंधली हो गई हैं |

कई सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद

मुड़ कर देखता हूँ

कदमों के निशान

जो ढूढें से भी नहीं मिलते हैं |

कामयाबी के बाद बाँटना चाहता हूँ

हताशा और निराशा

के वो किस्से

जो रहे हैं मेरी जिंदगी के हिस्से |

पर उसे सुनने का वक्त

किसी पे नहीं है

और ये सही है की

नाकामयाबी सिर्फ अपने हिस्से की चीज़ है…

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Added by somesh kumar on July 17, 2018 at 8:30am — 1 Comment

पेड़ तले पौधा

जिंदगी यूँ तो लौट आएगी

पटरी पर

पर याद आएगा सफ़र का

हर मोड़

कुछ गडमड सड़कों के

हिचकोले

कुछ सपाट रस्तों पर बेवजह

फिसलना

और वक्त-बेवक्त तेरा

साथ होना |

याद आएगा  एक पेड़

घना  छाँवदार  

जिसके आसरे एक पौधा

पेड़ बना |

मौसमों की हर तीक्ष्णता का

सह वार  

पौधे को सदा दिया

ओट प्यार  |

निश्चय ही मौसम बदलने से

होगा कुछ अंकुरित  

पर वो रसाल है मेरी जड़ो…

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Added by somesh kumar on July 16, 2018 at 10:30am — 6 Comments

दिल का साँचा

नींद आँखों से खफा –खफा है /

चली है ठंडी हवा वो याद आ रह है /

लिखा था मौसम किसी कागज़ पे/

टहलती आँख लफ्ज़ फड़फड़ा रहा है /

सिलवटें बिस्तरों पे नहीं सलामत /

दिल का साँचा हुबहू बचा हुआ है/

नक्ल करके नाम तो पा सकता हूँ /

पर मेरा वजूद इसमें क्या है?

वो आज भी रहता है मेरे आसपास /

मेरे बच्चे में मुस्कुरा रहा है |

सोमेश कुमार(मौलिक एवं अमुद्रित…

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Added by somesh kumar on July 5, 2018 at 7:24am — 5 Comments

स्वप्न,यथार्थ और प्रेरणा (कहानी )

पुश्तैनी घर में होने वाले रोज़-रोज़ के झगड़े से तंग आ चुका था और मंशा थी की अपना एक अलग घोसला बनाया जाए |श्री वर्मा जी जो की मेरे शिक्षक,मार्गदर्शक एवं प्रेरणाश्रोत रहे हैं उनसे इस सिलसिले में मिलने पहुँचा |

मिलते ही उन्होंने प्रश्न किया-सबसे पहले यह बताओ की कितनी नकद राशि है और घर लेने की क्या योजना है |

“पैसे तो छह-सात लाख के आसपास हैं बाकि पैसे लोन करा लूँगा |सोच रहा हूँ की कोई जड़ सहित मकान या फ़्लोर मिल जाए |”मैंने हिचकिचाते हुए कहा

“लेकिन या परंतु बाद में ---सबसे पहले…

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Added by somesh kumar on July 2, 2018 at 9:59am — 4 Comments

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