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D P Mathur's Blog – June 2013 Archive (4)

पिता-मकसद

सघन वृक्ष सा विशाल अडिग,

तपन में शीतलता देता !

तुफानों से हर पल लड़ता ,

फिर भी सदा सहज वो दिखता !

अपनी इन्हीं बातो के कारण ,

वो एक पिता कहलाता !

.

कठोर सा यह दिखने वाला ,

दिल से कोमलता दिखलाता !

बेटी के दर्द से विचलित ,

डान्ट वरी माई डॉटर कहता !

पर उसकी विदाई पर वो ,

खुद को असहाय है पाता !

लाख चाहकर भी वो अपने,

अनवरत आँसू रोक ना पाता !

अपनी इन्हीं बातो के कारण ,

वो एक पिता कहलाता !

.

बात बात पर डाँट…

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Added by D P Mathur on June 16, 2013 at 9:00am — 3 Comments

चाहत-मकसद

पिता हूँ , शायद कह ना पाऊँ, 

माँ सा प्यार ना दिखला पाऊँ !

चाहत है पर मन में इतनी,

प्यार में नम्बर दो कहलाऊँ !

जीवन की हर कठिन डगर में,

साथ खड़ा हो पाऊँ !

जब जब तुम्हें धूप सताये ,

छॉव मैं बन जाऊँ !

माँ तो नम्बर एक रहेगी ,

मैं , नम्बर दो कहलाऊँ !

.

समुंद्र भले ही कोई कहे ,

आँसुओं से बह जाऊँ !

तुम्हारी एक आह पर ,

विचलित मैं हो जाऊँ !

पत्थर हूँ ,

पर ,सुनकर दर्द तुम्हारे ,

मोम सा पिघल जाऊँ…

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Added by D P Mathur on June 16, 2013 at 8:30am — 2 Comments

क्यूं

मुझे क्यूं लगता है , तुम्हे खो दुंगा ,

तुम्हें पा लिया है ,

ये भी तो मात्र एक भ्रम है !

जाने क्यूं लगता है ,रो दुंगा ,

ये भी तो मात्र एक भ्रम है !

नदी के किनारों सा,

साथ चलते चलते ,

क्यूं समझता हूँ ,मिलन होगा !

अनवरत साथ बह पा रहा हूँ ,

ये भी तो मात्र एक भ्रम है !

जाने क्यूं समझता हूँ ,

तुम, ये, वो सब मेरा है !

शाशवत सच ये कहता है ,

जो भोग लिया वो सपना है ! ,

जो उकेर दिया भाव ,वो अपना है !

प्रकृति का मात्र यही एक क्रम…

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Added by D P Mathur on June 15, 2013 at 2:30pm — 6 Comments

मकसद

आदरणीय प्रबंधन टीम एवं सभी प्रबुद्ध सदस्यों को मेरा नमस्कार , अभी कुछ दिनों से ही मैं ओ बी ओ से जुड़ा हूँ अभी ज्यादा नही समझ पाया हूँ ! ऐसे ही कुछ ना कुछ लिखता रहता हूँ जो हमारे समाज के पाक्षिक अखबार में प्रकाशित हो जाता है और ना होता है तो अपने बनाये ब्लॉग पर लिख देता हूँ !

ओ बी ओ सदस्य बनने बाद लगता है मेरे जैसे नौसिखीये को यहाँ बहुत कुछ ज्ञान प्राप्त हो सकेगा !

आशा ही नहीं विश्वास है आप मेरी त्रुटियों को माफ करते हुए मेरा उचित मार्ग दर्शन करेंगे ।

मैं अपनी पहली रचना के रूप…

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Added by D P Mathur on June 7, 2013 at 9:00pm — 12 Comments

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