For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्यूं

मुझे क्यूं लगता है , तुम्हे खो दुंगा ,
तुम्हें पा लिया है ,
ये भी तो मात्र एक भ्रम है !
जाने क्यूं लगता है ,रो दुंगा ,
ये भी तो मात्र एक भ्रम है !
नदी के किनारों सा,
साथ चलते चलते ,
क्यूं समझता हूँ ,मिलन होगा !
अनवरत साथ बह पा रहा हूँ ,
ये भी तो मात्र एक भ्रम है !
जाने क्यूं समझता हूँ ,
तुम, ये, वो सब मेरा है !
शाशवत सच ये कहता है ,
जो भोग लिया वो सपना है ! ,
जो उकेर दिया भाव ,वो अपना है !
प्रकृति का मात्र यही एक क्रम है !
भी तो मात्र एक भ्रम है !
क्यूं यादों में खो जाते हैं ,
याद उन्हें कर जाते हैं ,
बगैर किसी के चाहे भी ,
ख्वाबों में बसा जाते हैं !
बिन उनके जी नही पायेंगे ,
प्यार का , ये कैसा क्रम है ,
जो सच ना होकर ,
मात्र मन का ही भ्रम है !
जीवन का हर छोटा पल ,
माँ की याद दिलाता है !
साया सा हरदम उसका,
निशछल अहसास कराता है !
प्यार भरी ममता के आगे ,
सब बौना रह जाता है,
यही मात्र एक ऐसा क्रम है ,
जो भ्रम नही , एक सच्चा क्रम है !

(मौलिक एवं अप्रकाशित)
                        हँस रहा हूँ ,

Views: 379

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Narain Verma on June 19, 2013 at 10:36am
इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ..................
Comment by Meena Pathak on June 17, 2013 at 6:07pm

बहुत सुन्दर रचना .. सादर 

Comment by राजेश 'मृदु' on June 17, 2013 at 1:33pm

अच्‍छी लगी आपकी ये रचना । एक दार्शनिक अंदाज में आपने सारी बातें कही है,सादर

Comment by Pragya Srivastava on June 17, 2013 at 10:38am

बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 16, 2013 at 7:07pm
आदरणीय..बहुत भावपूर्ण पंक्तियां, सुंदर रचना...हार्दिक शुभकामनाऐं
Comment by coontee mukerji on June 16, 2013 at 5:46pm

बहुत सुंदर / सादर / कुंती.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
9 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
13 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service