रात से हमने दोस्ती कर ली
लोग कहते है, दिल्लगी कर ली
ये फ़िज़ा बहकी, हवा महकी सी
शाम ने तेरी मुख़बिरी कर ली
ये हिज़्र मेरे बस की बात नहीं
लो सजा अपनी मुलतवी कर ली
तेरा ख्याल ले के सोये थे
ख्वाब में हमनें रोशनी कर ली
जो इल्म आया महोब्बत का 'अमि'
आशिको ने शायरी कर ली ~अमि'अज़ीम'
Added by अमि तेष on May 28, 2011 at 12:13am — No Comments
जिन्दगीं हर घड़ी
एक नया अनुभव लाती है
पर मैं क्या करु मेरा हर नया अनुभव
मेरे हर पुराने अनुभव से
कुछ कड़वा है, कुछ फ़ीका है, कुछ खारा है
कुछ दुर ही सही
मैं उसके साथ चलता हूँ
कभी सभ्लता हूँ, कभी फ़िसलता हूँ
मैं उसे नहीं बांटता
ये ही मुझे रफ़्ता रफ़्ता बांट देता है
मेरी इस छोटी सी जिन्दगी को
जो मेरे लिये ही काफ़ी नही
दो आयामों में काट देता है
वह मेरा सबसे पुराना मित्र है
और सबसे बड़ा…
ContinueAdded by अमि तेष on May 26, 2011 at 6:42pm — No Comments
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