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hemant sharma
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Gender
Male
City State
ashoknagar mp
Native Place
ashoknagar
Profession
TRAINEE OFFICER IN SBI
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SIMPLE

Hemant sharma's Blog

बापू

सन अड़तालीस की तीस जनवरी के दिन

नहीं मरे थे तुम

बापू



तुम एक गोली से

मर भी नहीं सकते थे

तुम्हारे जर्जर हो चुके शरीर को

सिर्फ भेद पाई थी

वह गोली

चंद सूखी लकड़ियों से भी

नहीं जल सकते थे तुम

बापू

 

तुम्हारी चिता जला पाई थी

सिर्फ तुम्हारे अचेत शरीर को

 तुम्हे कंधा देने

उमड़ पड़ा था पूरा देश

आज भी बदस्तूर जारी है

तुम्हें कंधा देना

बापू

 

आज भी हर घर…

Continue

Posted on December 7, 2013 at 12:00am — 9 Comments

शरीफों कि वस्ती

ये दीवारें बहुत ऊंची और चौड़ी हैं

कि कोई तांक झांक न कर सके

लेकिन यहां एक खिड़की है

शोर मत करो,ये शरीफों कि वस्ती है

एक औरत जो घूंघट ओड़कर आती है

और घूंघट ओड़कर चली जाती है

एक मोटर इस वस्ती से निकलकर

एक दूसरी वस्ती में जाती है हर रोज

शोर मत करो, ये शरीफों कि वस्ती है

उसके  कपड़ॆ बहुत उजले हैं

और महीन भी बहुत हैं

नजदीक न जाओ मैले हो सकते हैं

और महीन रेशों के बीच से

परावर्तित किरणें तुम्हरी आंखों…

Continue

Posted on December 2, 2013 at 11:00pm — 8 Comments

माटी - दोहे

गली,कटी, तपकर खिली, माटी की संतान

माटी से मोती बने,          माटी से इंसान

 

माटी से मूरत बने,       मूरत में भगवान

माटी की भक्ति करे,      तर जाये इंसान

 

माटी से उपजें सभी,     माटी में ही   अंत

माटी का घर छोड़ के,   जाये सभी अनंत

 

मौलिक व अप्रकाशित

Posted on September 27, 2013 at 12:00am — 11 Comments

रास्ते

 

प्रश्न होते हैं ,उत्तर भी होते हैं रास्ते ,

पूर्व-पश्चिम और दक्षिण

सभी दिशाओं मे होते हैं रस्ते

कभी घोड़ों की टापों से कुचले जाते हैं

तो कभी फूलों से सजाये जाते हैं रास्ते

क्या जमीं कया समुंदर आशमां मे भी होते हैं रास्ते

तो क्या मंजिले नसीब नहीं होती सभी को,

पर होते हैं सभी के अपने –अपने रास्ते

कभी मंजिल तक पहुचाते हैं तो कभी खुद मंजिल बन जाते हैं रास्ते

उनकी कहां मंजिलें होती हैं

जो खुद बनाते हैं…

Continue

Posted on August 31, 2013 at 11:08pm — 8 Comments

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At 8:21am on August 4, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
अरुण कुमार निगम
said…

प्रिय हेमंत शर्मा जी, ओपन बुक्स ऑन लाइन में आपका हार्दिक स्वागत है..............

 
 
 

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