For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विवेक मिश्र
  • Male
  • उत्तर प्रदेश
  • India
Share on Facebook MySpace

विवेक मिश्र's Friends

  • Krish mishra 'jaan' gorakhpuri
  • Hari Prakash Dubey
  • गिरिराज भंडारी
  • D P Mathur
  • अजय कुमार सिंह
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • Yogyata Mishra
  • Prabha Khanna
  • Shyam Bihari Shyamal
  • Pranjal Mishra
  • आशुतोष
  • राजेश शर्मा
  • Tilak Raj Kapoor
  • R N Tiwari
  • वीनस केसरी
 

विवेक मिश्र's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
बलिया (उत्तर प्रदेश) >> सोलन (हिमाचल प्रदेश)
Native Place
बलिया (उत्तर प्रदेश)
Profession
जेपी सीमेंट में उप-अभियंता
About me
मैं कोई लेखक या कवि नहीं. पर हाँ, दूसरों को पढ़ने का और उससे सीखने का शौक़ ज़रूर रखता हूँ. और इसी चक्कर में कभी-कभी कलम उठ जाती है. बस इतना ही..

विवेक मिश्र's Photos

  • Add Photos
  • View All

विवेक मिश्र's Videos

  • Add Videos
  • View All

विवेक मिश्र's Blog

ग़ज़ल (विवेक मिश्र)

(बह्र - 1222-1222-1222-1222)





किसी दिन ख़त्म होगी डोर, धागा टूट जाएगा -

अचानक ज़िन्दगी! तुझसे भी नाता टूट जाएगा -



जो बोलूँ झूठ तो खुद की निगाहों में गिरूँगा मैं

जो सच कह दूँ तो फिर से एक रिश्ता टूट जाएगा -



बस इतनी बात ने ताउम्र हमको बाँधकर रक्खा

किसी के दिल में कायम इक भरोसा टूट जाएगा -



चराग़ों ने ये जो ज़िद की है अबकी आजमाने की

हवा का हौसला भी, देख लेना, टूट जाएगा -



वो हों जज़्बात या फिर कोई नद्दी हो कि दोनों… Continue

Posted on June 11, 2015 at 8:46pm — 10 Comments

कवि की मृत्यु के बाद / गीत (विवेक मिश्र)

दूर कोई कवि मरा है



जो मुखर संवेदना थी

आज कोने जा लगी है

थक चुका आक्रोश है यूँ

मौन इसकी बानगी है



अब इन्हें स्वर कौन देगा?

भाग्य का ही आसरा है



अनगिनत सी भावनायें

बीजता रहता है यह मन

किन्तु विरले जानते हैं

भावनाओं पर नियंत्रण



कब किसे है छाँटना और

कौन सा पौधा हरा है?



लेखनी जर्जर पड़ी है

पृष्ठ रस्ता तक रहे हैं

भाव, शब्दों से कहें अब

'हम अकेले थक रहे हैं'



पूर्ण है 'मुख' गीत का,… Continue

Posted on April 27, 2015 at 8:30am — 9 Comments

अरुण से ले प्रकाश तू / गीत (विवेक मिश्र)

अरुण से ले प्रकाश तू

तिमिर की ओर मोड़ दे !



मना न शोक भूत का

है सामने यथार्थ जब

जगत ये कर्म पूजता

धनुष उठा ले पार्थ ! अब

सदैव लक्ष्य ध्यान रख

मगर समय का भान रख

तू साध मीन-दृग सदा

बचे जगत को छोड़ दे !



विजय मिले या हार हो

सदा हो मन में भाव सम

जला दे ज्ञान-दीप यूँ

मनस को छू सके न तम

भले ही सुख को साथ रख

दुखों के दिन भी याद रख

हृदय में स्वाभिमान हो

अहं को पर, झिंझोड़ दे !…



Continue

Posted on March 23, 2014 at 4:00am — 17 Comments

लघुकथा : सफ़र

सुबह-सुबह जब उसकी आँखें खुलीं, तो वह बड़े जोश में था. घरों की खिड़कियों से परदे हटाकर उसका ‘वार्म-वेलकम’ किया जा रहा था. और जब “सूर्यनमस्कार” और “अर्घ्य” जैसे टोटके शुरू हुए, तो वह फूले नहीं समा रहा था. सच में, दुनिया की ‘मॉर्निंग’, उसी की वज़ह से तो ‘गुड’ होती है. फिर क्या.. चढ़ गया गुरू चने की झाड़ पर.. अपनी पूरी ताक़त झोंककर रौशनी देने लगा, मानों सारी दुनिया में उजाला करने का ठेका उसने ही ले रखा हो. उसे याद ही नहीं रहा कि छटाँक भर उजाले की ख़ातिर भी उसे ख़ुद कितना जलना पड़ता है.. भूल गया कि… Continue

Posted on August 19, 2013 at 3:51pm — 10 Comments

Comment Wall (11 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 3:56pm on October 21, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 2:10am on October 21, 2011, वीनस केसरी said…

जन्म दिन कि हार्दिक शुभकामनाएं

At 1:58pm on July 3, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…
हार्दिक धन्यवाद विवेकभाई.
At 9:09am on May 4, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय विवेक भाई , आपका प्यार आज के दिन मिला, मैं धन्य हुआ |
At 2:41pm on March 8, 2011, nemichandpuniyachandan said…
Shree,Vivek Mishr"Tahir"Sahib,Aap Dvaaraa Housalaa-Afzai Ke Liye Bahut-Bahut Dhanyvaad.
At 5:09pm on March 5, 2011, आशुतोष said…
Thanks Vivek..
At 1:33pm on December 13, 2010, Abhinav Arun said…

विवेक जी आपके कमेन्ट के लिए आभारी हूँ | मुझे ओ.बी.ओ. पर आप जैसे लोगों से जुड़ने का अवसर मिला सौभाग्य है |

At 7:36am on November 16, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…
विवेक भाई...आपकी रचना को महीने का सर्वश्रेस्थ ब्लॉग चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई....आशा नही पूर्ण विश्वास है की आगे भी आपकी ऐसी ही रचना पढ़ने को मिलती रहेंगी....



आपका ही अपना..
प्रीतम तिवारी
रांची
At 2:59pm on November 5, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
विवेक भाई ,नमस्कार,
आपकी कविता "अर्ध्य" को महीने का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग (Best Blog of the Month) चुने जाने पर बधाई स्वीकार करे, उम्मीद है कि आगे भी आप कि रचनायें और अन्य रचनाओं पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणियाँ पढ़ने को मिलती रहेगी,
आपका
गनेश जी "बागी"
At 2:57pm on November 5, 2010, Admin said…
आदरणीय विवेक मिश्र 'ताहिर' जी,
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की कविता "अर्ध्य" को महीने का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग (Best Blog of the Month) के रूप मे सम्मानित किया गया है तथा ओपन बुक्स ऑनलाइन के मुख्य पृष्ठ पर आपके छाया चित्र के साथ स्थान दिया गया है,
इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे,धन्यवाद,
आपका
एडमिन
OBO
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"दोहा पंचक. . . .  जीवन  एक संघर्ष जब तक तन में श्वास है, करे जिंदगी जंग ।कदम - कदम…"
9 minutes ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
28 minutes ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"उत्तम प्रस्तुति आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"दोहा अष्टक***हर पथ जब आसान हो, क्या जीवन संघर्ष।लड़-भिड़कर ही कष्ट से, मिलता है उत्कर्ष।।*सहनशील बन…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सादर अभिवादन।"
14 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
Thursday
सतविन्द्र कुमार राणा posted a blog post

जमा है धुंध का बादल

  चला क्या आज दुनिया में बताने को वही आया जमा है धुंध का बादल हटाने को वही आयाजरा सोचो कभी झगड़े भला…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Thursday
आशीष यादव posted a blog post

जाने तुमको क्या क्या कहता

तेरी बात अगर छिड़ जातीजाने तुमको क्या क्या कहतासूरज चंदा तारे उपवनझील समंदर दरिया कहताकहता तेरे…See More
Thursday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . रोटी
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post एक बूँद
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service