हिंदुस्तानी नाम है मेरा,हिंदी है मेरी पहचान
भरतमाता माँ है मेरी,बसते जिसमें मेरे प्राण
प्राण बिना ज्यों व्यर्थ है जीवन,तन हो जाता है निष्प्राण
भारतीय कहलाने में ही,दुनिया में है मेरी शान
मानो या ना मानो पर,भारत है दुनिया का दिल
देख सको तो देखो,आकार भी दिल जैसा बिल्कुल
मौलिक ऐवम अप्रकाशित
वीणा
अब न रहे वो चाँदी से दिन,सोने सी वो रातें हैं
बाबुल का वो प्यारा अंगना,सपनो की सी बातें हैं
इसी अंगने मेंभाई बहन संग ,खेल कूद कर बड़े हुए
संग संग खाना,लड़ना झगड़ना,अब बस मीठी यादें हैं
चैन न था इक पल जिनके बिन,जाने कैसे बिछुड़ गए
अब सब अपनी अपनी उलझन अलग अलग सुलझाते हैं
चाहे कितना हृदय दग्ध हो,चाहे कितना बड़ा हो संकट
हम तो बिल्कुल ठीक ठाक हैं,सदा यही दर्शाते हैं
इस दिखावटी युग में यदि हम,हृदय खोल सुख दुःख बाटें
निश्चय सरल…
ContinuePosted on March 4, 2022 at 12:30am — 2 Comments
लव यू -लव यू कहते रहो ,मिस यू -मिस यू जपते रहो
पीठ फिरे तो गो टू हैल ,नारा भी बुलंद करो
नहीं रहे वो सच्चे रिश्ते ,प्यार जहां पर पलता था
आज के रिश्ते बस एक छलावा,सबकुछ एक दिखावा है
मात-पिता का प्यार भी अब ,लगता ज़िम्मेदारी है
भाई बहन का प्यार अब बस एक नातेदारी है
रिश्तों का जहां मान नहीं ,कैसा युग ये आया है
कहते हैं वे हमें पुरातन ,पर नवयुग से क्या पाया है ?
पति-पत्नी के रिश्तों की भी ,गरिमा अब है कहाँ बची
नित होते तलाक़ों…
ContinuePosted on November 30, 2021 at 1:09am — 2 Comments
मिथ्या अगर जगत ये होता ,क्यूँ कर इसमें आते हम
देवों को भी जो दुर्लभ है ,वह मानुष जन्म क्यों पाते हम
ज्ञानी जन बस यही बताते ,मिथ्या जग के सुख दुःख सारे
पर इस जग में आ कर ही तो ,मोती ज्ञान के पाए सारे
ईश्वर की अद्भुत रचना ये सृष्टि ,नहीं जानता कोई कुछ भी
फिर भी ज्ञान सभी जन बाटें ,मानो स्रषटा हैं बस वे ही
जगत सत्य है या है मिथ्या ,क्यूंकर इसपर करें बहस
ईश्वर प्रदत्त अमूल्य जीवन को ,जिएँ सभी हम जी भरकर
उस अद्भुत कारीगर की ,रचना…
ContinuePosted on November 19, 2021 at 4:43am — 3 Comments
कहते हैं सब यही ,बस मुस्कुराते रहिए
लेकिन जनाब बड़ी शातिर होती है ये मुस्कुराहट
दिल का सुकून होती है,किसी की मुस्कुराहट
तो चैन छीन लेती दिलों का ,कोई मुस्कुराहट
प्यार का दरिया बहाती बच्चे की मासूम मुस्कुराहट
और विचलित कर जाती मन को,व्यंग भरी मुस्कुराहट
ना जाने क्यों लोग बेवजह भी मुस्कुराते हैं
ना जाने कौन सा ग़म उस हंसी में छुपाते हैं
कभी ख़ुशी से खिलखिलाते चेहरे
नमी आँखों की बन आंसू ले आते हैं
तो दोस्तों ये…
ContinuePosted on September 5, 2021 at 12:41am — 2 Comments
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