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बृजेश नीरज's Discussions (2,094)

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"आदरणीया वंदना जी, मेरी दृष्टि में रचनाकार के लिए साहित्य एक साधना है! जैसे इश्वर की…"

बृजेश नीरज replied Dec 4, 2013 to साहित्य की पहुंच कहाँ तक??

9 Dec 5, 2013
Reply by Vindu Babu

"आज एक बार फिर आपके इस अनुभव को पढ़ा! हर बार यही लगता है कि जैसे आपने हम सबके मन की बा…"

बृजेश नीरज replied Dec 2, 2013 to अंजुमन प्रकाशन;पुस्तक लोकार्पण समारोह:अनुभव

12 Dec 4, 2013
Reply by Vindu Babu

" आदरणीया वंदना जी, एक बहुत ही उपयोगी और आवश्यक चर्चा प्रारम्भ करने के लिया आपका आभार…"

बृजेश नीरज replied Dec 2, 2013 to साहित्य की पहुंच कहाँ तक??

9 Dec 5, 2013
Reply by Vindu Babu

"Here, my purpose is not to discuss the structure of IPL or Cricket. The concern is v…"

बृजेश नीरज replied Jun 20, 2013 to आईपीएल की कालिख

2 Jun 20, 2013
Reply by बृजेश नीरज

"पूंजी ने ऐसा लोभ का भ्रमजाल फैलाया है कि मूलभूत जरूरतों के हक की बात अब क्षीण हो गयी…"

बृजेश नीरज replied May 1, 2013 to मजदूर दिवस

2 May 1, 2013
Reply by बृजेश नीरज

"Respected Nikore Sir, As for as India is concerned, as much I know Moral Science is…"

बृजेश नीरज replied Apr 23, 2013 to Child Development and Societal Priorities

3 Apr 23, 2013
Reply by बृजेश नीरज

"You are absolutely right but unfortunately neither we nor our government feel its re…"

बृजेश नीरज replied Apr 23, 2013 to Child Development and Societal Priorities

3 Apr 23, 2013
Reply by बृजेश नीरज

"//आपकी यह बात मुझे कुछ कम पची कि परिवार और पुरुषों के बीच रहकर उन्हें अपनी स्वतन्त्र…"

बृजेश नीरज replied Apr 21, 2013 to प्रश्न नारी की सुरक्षा का?

2 Apr 21, 2013
Reply by बृजेश नीरज

सदस्य टीम प्रबंधन

"यहां यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब इंटरनेट और इलेक्ट्रानिक मीडिया अच्छा बुरा सबक…"

बृजेश नीरज replied Feb 24, 2013 to कैसे सुलझे ये भ्रम जाल.....?

13 Mar 1, 2013
Reply by Aruna Kapoor

सदस्य टीम प्रबंधन

"दरअसल हमारी विकसित होने की सोच का मूलभूत दोष ही इसके लिए उत्तरदायी है। हमने व्यस्तता…"

बृजेश नीरज replied Feb 23, 2013 to कैसे सुलझे ये भ्रम जाल.....?

13 Mar 1, 2013
Reply by Aruna Kapoor

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Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय भंडारी जी बहुत बहुत शुक्रिया ग़ज़ल पर ज़र्रा नवाज़ी का सादर"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरनाजी, कई तरह के भावों को शाब्दिक करती हुई दोहावली प्रस्तुत हुई…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बेहद ख़ूबसुरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय निलेश सर मतला बेहद पसंद आया बधाई स्वीकारें"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आ. आज़ी तमाम भाई,अच्छी ग़ज़ल हुई है .. कुछ शेर और बेहतर हो सकते हैं.जैसे  इल्म का अब हाल ये है…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आ. सुरेन्द्र भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है बोझ भारी में वाक्य रचना बेढ़ब है ..ऐसे प्रयोग से…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेंदर भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई आपको , गुनी जन की बातों का ख्याल कीजियेगा "
7 hours ago

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