For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

 

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 37 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –

17 मई 2014 दिन शनिवार  से 18 मई 2014 दिन रविवार


1. काव्य-रचनाकर्म इंगितों के माध्यम से तथ्यों को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया है.

2. इस हँसी-व्यंग्य में पार्टी विशेष या व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप सर्वथा वर्जित है.

3. एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण बात, कोई प्रस्तुति किसी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति पर सीधी न पड़े.

4. किसी राजनैतिक मंतव्य के समर्थन या विरोध में बातें नहीं करनी है, न प्रचार करना है.

 

(प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) केसौजन्य से प्राप्त हुआ है.)

इस बार के आयोजन के लिए दो छंदों का चयन किया गया है, कामरूप छंद  और चौपई छंद.

 

एक बार में अधिक-से-अधिक तीन कामरूप छंद तथा/या पाँच चौपई छंद प्रस्तुत किये जा सकते है.

ऐसा न होने की दशा में प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ ओबीओ प्रबंधन द्वारा हटा दी जायेंगीं.

 

उन सदस्यों के लिए जो कामरूप छंद और चौपई छंदों के आधारभूत नियमों से परिचित नहीं हैं, उनके लिये इनके संक्षिप्त विधान प्रस्तुत किये जा रहे हैं.

 

कामरूप छंद के आधारभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

चौपई छंद के आधारभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

 

लेकिन, इससे पूर्व मात्रिक छंदों में गेयता को सुनिश्चित करने के लिए ’कलों’ (जैसे, द्विकल, त्रिकल, चौकल आदि) के शुद्ध प्रयोग हेतु उन विन्दुओं को एक बार फिर से ध्यान से देख लें. क्योंकि दोनों छंद मात्रिक हैं.

इसके लिए यहाँ क्लिक करें.

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

(1)फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 17 मई 2014 दिन शनिवार 18 मई 2014 दिन रविवार यानि दो दिनों के लिए रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

  • आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक प्रविष्टि, न कि एक ही दिन में दो प्रविष्टियाँ.
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  • रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 8261

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति आदरणीय गिरिराज जी, दूसरा छंद विशेष पसंद आया। बहुत बहुत बधाई आपको

आदरणीया कल्पना जी , सराहना के लिये आपका आभार ॥

आदरणीय भंडारी साहब, कामरूप छंद पर बढ़िया प्रयास हुआ है, कथ्य उत्तम है, शिल्प पर विद्वजनों ने उचित बातें कही हैं, बधाई इस प्रस्तुति पर।

( चौपई छंद )

------------------------------------------------------------------

नेताओं की फितरत देख   I  मन के काले बातें नेक II

राजनीति के लाभ अनेक  I  राज  करें  अंगूठा टेक II

 

मरयादा की लांघी रेख    I  होली खेलें कीचड फेंक  II

चिंगारी भडकाकर एक    I  लेते अपनी रोटी सेंक   II

 

मजहब की खीचें दीवार    I   उस पर खड़ी करें सरकार II

जन करती इनका सतकार I  ये करते जन का व्यापार  II

 

हाथ लगे पतझड हर बार I  शायद फूल खिलें इस बार II

छले गये हम  बारमबार  I  मगर आस है अबकी बार II

 

ऐसी बहे विकासी धार     I जन जन का होवे उदधार   II

माने  जो सारा संसार     I होय देश की जय जयकार  II

-------------------------------------------------------------------

 

( मौलिक व अप्रकाशित ) 
संशोधित

भाई सचिनजी, आयोजन में आपकी भागीदारी के लिए हार्दिक बधाई. इस प्रस्तुति का कथ्य उच्च एवं स्तरीय है तथा छन्द-रचना सप्रवाह है.

वैसे तो पूरी छन्द-रचना ही प्रतीकात्मक और बिम्बों पर आधारित होने से काव्य-रस का आनन्द मिल रहा है. पन्तु इन दो पदों ने वर्तमान की राजनीति और इसकी दशा को बहुत ही बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया है. 

नेताओं की फितरत देख   I  मन के काले बातें नेक II

राजनीति के लाभ अनेक  I  राज  करें  अंगूठा टेक II..

फिर,
चिंगारी भडकाकर एक । लेते अपनी रोटी सेंक ॥ .. 

बहुत खूब ! क्या कहन है ! वाह !!

एक बात अवश्य है, भाईजी, इतनी अच्छी और व्यवस्थित रचना में तनिक भी अटपटपन अधिक खटकता है. उस हिसाब से आई फिर चुनावी बहार  का शब्द-संयोजन पंक्ति की गेयता को प्रभावित कर रहा है. इसे देख लें.

हृदय से बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ.

शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ जी......... आपका प्रोत्साहन पाकर लेखन प्रयास सार्थक हुआ ........ उसके लिये आपका हार्दिक आभार साथ ही 
आपके बहुमूल्य सुझाब // फिर चुनावी बहार  का शब्द-संयोजन पंक्ति की गेयता को प्रभावित कर रहा है.// को दृष्टिगत रखते हुए उस छंद को सुधार कर पोस्ट करने का प्रयास रहेगा ! हार्दिक धन्यवाद आपका ! 

भाई सचिन देवजी, आपके प्रयास और समर्पण के प्रति सम्मान का भाव रखता हूँ.

शुभेच्छाएँ.

छंद के हर बोल अपने में सटीक एवं सार्थक लगते है अतएव हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय सचिन देव जी

आपका हार्दिक आभार आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी प्रोत्साहन के लिये ! 

आदरणीय सचिन भाई 

सुंदर प्रवाहमयी छंद की हार्दिक बधाई 

नेताओं की फितरत देख   I  मन के काले बातें नेक II

राजनीति के लाभ अनेक  I  राज  करें  अंगूठा टेक II ....................सही कहा है भाई !

आदरणीय सचिन देव जी सादर, सुन्दर चौपई छंद प्रस्तुत किये हैं. इस सुन्दर प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकारें.सादर.

लिखे सचिन ने ऐसे छंद | करी बोलती जैसे बंद ||

हुई दूर शासन से गंद | कटा कुशासन का अब फंद ||

मनभावन आशा जागते हुए सार्थक छंदों के लिए आपको दिली बधाई आदरणीय सचिन जी

आई फिर  चुनावी बहार  I  शायद फूल खिलें इस बार II

छली गई जनता हर बार  I  मगर आस  है अबकी बार II......वाह! बहुत सुंदर भाव

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई सुरेंद्र जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है।…"
6 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय दयाराम जी ग़ज़ल पर आने के लिए और इस हौसला अफ़जाई के लिए आपका बहुत बहुत आभार जी।"
23 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ.भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। गुणीजनो की सलाह से यह निखर गयी है।…"
33 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय गुणीजनो की इस्लाह से और निखर जायेगी"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय methani जी से ज़र्रा नवाज़ी का"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय सुरेन्द्र जी, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है। शेष तिलकराज जी ने विस्तृत तौर पर बता दिया है। मेरी…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय सुरेन्द्र जी, पोस्ट पर आने व सुझाव देने के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय आज़ी भाई जी हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।। सादर जी।"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलकराज जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और ग़ज़ल को इतना समय देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल के प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें जी। तक़रार इस्त्रिलिंग है…"
4 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया रिचा यादव जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ बधाई स्वीकार करें जी। दिल में…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय रिचा यादव जी, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है बधाई स्वीकार करें।"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service