For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छंद  -   मालिनी

परिभाषा -इस छंद के प्रत्येक  चरण में  १५ वर्ण  आठवे तथा  फिर सातवे वर्ण  पर विराम देकर होते हैं   i  प्रत्येक  चरण में दो नगण (I  I  I ) एक मगण (SSS) और दो यगण (ISS) अर्थात  I I I   I I I  SSS  ISS  ISS          

प्रसंग-  राम सीता को कुटिया  में न पाकर विरहाकुल है  I  सीता की स्मृतिया  उन्हें सताती है पर वे धैर्य धारण कर  सीता - अन्वेषण  में प्रवृत्त होते है I

 

सजल सुमन सी थी   तात ! सीता पुनीता I
जलज नयन  वाली   धीर  शांता विनीता  I
लखन  तुम  उसे   ऐसे   कहाँ   छोड़ आये
विपिन उटज में हा!  हा! नहीं प्राण सीता II

वह सिय  कहती  थी   आपका  आसरा है I
वन  पवन  सभी  प्यारे  अनोखी  धरा है  I
हर  जगह  चित्रकूट   है   हमारा  निराला
मन  हर  पल  होता  सभागा  बावरा  है  II

किस  तरह  सुनूंगा   तात ! मैं आज वानी I
इस  समय  कहाँ हो   आज  सीता सयानी I
अशन-वसन   होंगे   या   हताशा -निराशा
सुरभित कमला  सी है या अभागी अयानी II

पशु  अशन  बनी  है या  मिली  है सहाया  I
दनुज  कब  उठा  ले काम -क्रोधी अमाया  I
विषधर  कब  किसे  काट  ले  कौन  जाने
विरह यह  हमारा  काल   सा आज आया  II

लखन  अब  उठो   कोई  सहारा   नहीं  है  I
अब  तरणि  यहाँ   टूटी   किनारा  नहीं है  I
कुछ  जतन   हमें   होंगे  भिड़ाने  यहाँ  भी  
चुप   रहकर   बैठूं   मै   गवारा   नहीं  है   II

हम   सफल   कहायेंगे    विधाता   सुनेगे I
गिरि,तरु,जल,छाया  आदि से  भी  कहेंगे I
अब  यह  सब  बात  माने  मेरी  अभी  से
हम तुम  मिल  सीता को  यहाँ खोज लेंगे II

(मौलिक व्  अप्रकाशित )

Views: 414

Replies to This Discussion

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है आदरणीय श्रीरामजी के इस स्वरूप का आपने बहुत ही सुंदर चित्रण किया है ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"स्वागतम"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a discussion

पटल पर सदस्य-विशेष का भाषयी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178 के आयोजन के क्रम में विषय से परे कुछ ऐसे बिन्दुओं को लेकर हुई…See More
6 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नीलेश जी, यक़ीन मानिए मैं उन लोगों में से कतई नहीं जिन पर आपकी  धौंस चल जाती हो।  मुझसे…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय मैं नाम नहीं लूँगा पर कई ओबीओ के सदस्य हैं जो इस्लाह  और अपनी शंकाओं के समाधान हेतु…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय  बात ऐसी है ना तो ओबीओ मुझे सैलेरी देता है ना समर सर को। हम यहाँ सेवा भाव से जुड़े हुए…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय, वैसे तो मैं एक्सप्लेनेशन नहीं देता पर मैं ना तो हिंदी का पक्षधर हूँ न उर्दू का। मेरा…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नीलेश जी, मैंने ओबीओ के सारे आयोजन पढ़ें हैं और ब्लॉग भी । आपके बेकार के कुतर्क और मुँहज़ोरी भी…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नमन, ' रिया' जी,अच्छा ग़ज़ल का प्रयास किया आपने, विद्वत जनों के सुझावों पर ध्यान दीजिएगा,…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"नमन,  'रिया' जी, अच्छा ग़ज़ल का प्रयास किया, आपने ।लेकिन विद्वत जनों के सुझाव अमूल्य…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल का आपका प्रयास अच्छा ही कहा जाएगा, बंधु! वैसे आदरणीय…"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण भाई "
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदाब, 'अमीर' साहब,  खूबसूरत ग़ज़ल कही आपने ! और, हाँ, तीखा व्यंग भी, जो बहुत ज़रूरी…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service