For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

                      गणेश स्तुति

दोहा -    जो गणेश पूजन करे,  ले श्रद्धा विश्वास ।
           सकल आस पूरन करे,  भक्तों के गणराज ।।

                    चौपाई
हे गौरा गौरी के लाला । हे लंबोदर दीन दयाला । ।
सबसे पहले तेरा सुमरन । करते है हम वंदन पूजन ।1।।

हे प्रभू बुद्धि विद्या दाता । भक्तों के तुम भाग्य विधाता
वेद पुराण सभी गुण गाये। तेरी महिमा भक्त सुनाये ।।2।।

माता धरती  पिता आकाश । जगत को दिये ज्ञान प्रकाश
अति प्रसन्न हो पिता महेश । बना दिये तब तुम्हे गणेश ।।3।।

जो भक्त ले कर तेरा नाम । जब जब शुरू करे अपना काम
सकल काम निर्वघ्न होय सफल । सब बाधा हो जाये असफल ।।4।।

हे वक्रतुण्ड़ देव गजानन । मूशक वाहन लगे सुहावन
जय जय लंबोदर जग पावन । तेरा रूप मनोहर मन भावन ।।5।।

मां की ममता तोहे भावे । मोदक भोग तोहे रिझावे  
बाल रूप बालको को भाये । मंगल मूर्ति सदा मन भाये ।।6।।

हे एकदन्त कृपा कीजिये । सद़विचार सद़बुद्वि दीजिये ।
हे विनायक कर पूरन काम । भक्त पुकारे नित सुबह शाम ।।7।।

हे मेरे आखर के देवता । ‘रमेश‘ भेजे प्रथम न्योता
मेरी लेखनी लो सम्हाल । लेखनी है अभी नवनिहाल ।।8।।

अपने पुरखा अरू माटी के । अपने जंगल अरू घाटी के
करू चित्रण मै सम्मान सहित । सदा रहू मै अभिमान रहित ।।9।।

यषगान गाये सारद शेष । जय जय जय जय गौरी गणेश।
हे रिद्धी सिद्धी के दाता । अब दुख मेटो भाग्य विधाता ।।10।।


दोहा-        जब जब भक्त शरण गहे, मेटे सकल कलेष ।
              बाधाओ को दूर करे, मंगल मूर्ति  गणेश ।।

----------------------------रमेश चौहान--------------------------------------

मौलिक अप्रकाशित

Views: 877

Replies to This Discussion

आ0 रमेश जी मनभावन अति सुन्दर स्तुति पेश की है आप ने ...... गणेश सब का मंगल करे ....

आ० बसंत नेमाजी उत्साह वर्धन के लिये सादर धन्यवाद

जय हो बड़ी प्यारी वंदना है

जय गणेश जय गणेश देवा

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
9 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा posted a blog post

जमा है धुंध का बादल

  चला क्या आज दुनिया में बताने को वही आया जमा है धुंध का बादल हटाने को वही आयाजरा सोचो कभी झगड़े भला…See More
9 hours ago
आशीष यादव posted a blog post

जाने तुमको क्या क्या कहता

तेरी बात अगर छिड़ जातीजाने तुमको क्या क्या कहतासूरज चंदा तारे उपवनझील समंदर दरिया कहताकहता तेरे…See More
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
21 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . रोटी
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post एक बूँद
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर "
Jan 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . विरह
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Jan 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Jan 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर ।  नव वर्ष की हार्दिक…"
Jan 2

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service