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आजादी के पथ पर मिलकर, तब तक चलना है अविराम

कष्टों से व्याकुल जन-जीवन, जब तक ना पाए आराम

*****

अच्छी-गंदी दो बातों के, अंतर का रखूँगा भान

बस अच्छी बातें अपना कर, पाऊँगा गौरव सम्मान

*****

नई-नई तकनीकी शिक्षा, का पाना है पूरा ज्ञान

सबके हित वो उपयोगी हों, करना है मुझको वो काम

*****

जीवन का इक लक्ष्य बना कर, कदम बढ़ाऊँगा उस ओर

अपने कर्मों की शक्ति से, अँधियारों को कर दूँ भोर

*****

सदा बड़ों को दूँगा आदर, छोटों से रखूंगा प्यार

मित्रों से भी प्यार करूँगा, रख सुन्दर अपना व्यवहार

*****

आजादी के मतवालों नें, हँस कर दे दी अपनी जान

आज़ादी की रक्षा के हित, मैं भी कर दूँ सब कुर्बान

*****

निर्मल सुन्दर स्वच्छ सुसंस्कृत, मेरा भारत देश महान

हम सब के सद्गुण से मिलकर, देश बनेगा गुण की खान

*****

सत्य अहिंसा की दिखलाई, बापू नें जो हमको राह

उनके पथ पर अडिग चलूँगा, मन में रख उत्साह अथाह

*****

सदा स्वदेशी अपनाकर मैं, सुदृढ़ करूँगा अपना देश

पूँजी अपनी पुण्य-धरा की, जाने दूँगा नहीं विदेश

*****

भूखा जब तक आधा भारत, आजादी क्या पाए अर्थ

प्रणवत काम करें हम ऐसे, निर्धन भी बन सकें समर्थ

*****

भारत माँ की शान तिरंगा, लहराऊँ नभ में अविराम

आजादी के दीवानों को, करूँ सदा करबद्ध प्रणाम

*****

अपना भारत देश स्वच्छ हो, रखना है हम सबको ध्यान

कूड़ा-करकट, पन्नी, कचरा – मुक्त रखें गलियाँ मैदान

*****

अलग-अलग हैं प्रांत हमारे, बोली भाषा वर्ण अनेक

जाति-धर्म हैं भिन्न-भिन्न पर, भारतवासी हम सब एक

*****

मौलिक व अप्रकाशित 

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Replies to This Discussion

भारत माँ की शान तिरंगा, लहराऊँ नभ में अविराम

आजादी के दीवानों को, करूँ सदा करबद्ध प्रणाम.......बहुत खुबसुरत सभी

" सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाइयाँ .................. "

आदरणीया प्राची जी,

राष्ट्रधर्म को लेकर अत्यंत उत्प्रेरक  तथा  प्रतिज्ञापरक छन्दोबद्ध गीत --

"भारत माँ की शान तिरंगा, लहराऊँ नभ में अविराम

आजादी के दीवानों को, करूँ सदा करबद्ध प्रणाम"

...हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !

मनभावक , रोचक , बधाई आदरणीय डॉo प्राची सिंह जी

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