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झिलमिल तारे गाते सारे
सोजा सोजा कान्हां रे
तेरी ये दो नन्हीं अँखियाँ
मेरी सारी दुनिया रे

गुनगुन करती निंदिया है आयी
परियों के घर से सपने है लायी
मीठे -मीठे सपनों में तू खो जा रे
सोजा सोजा कान्हां रे ............

राजा सोया रानी भी सो गई
शहज़ादे वाली कहानी भी सो गई
अब तो सोजा मेरे राजा रे
सोजा सोजा कान्हां रे ............

दूर गगन से चंदा पुकारे
सोजा मेरे राज -दुलारे
दूध बताशे मैं  लाया रे
सोजा सोजा कान्हां रे ............

संजू शब्दिता  मौलिक व अप्रकाशित


 

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Replies to This Discussion

आदरणीया संजू जी बहुत अच्छी लोरी प्रस्तुत की है आपने!
वास्तव में बच्चों के मन को समझ उनके स्तर का लिखना इतना आसान नही है।
सादर बधाई स्वीकारें इस मीठी सी लोरी के लिए.
सादर
आदरणीया संजू जी बहुत अच्छी लोरी प्रस्तुत की है आपने!
वास्तव में बच्चों के मन को समझ उनके स्तर का लिखना इतना आसान नही है।
सादर बधाई स्वीकारें इस मीठी सी लोरी के लिए.
सादर

खूबसूरत गज़लों के बाद खूबसूरत लोरी मे आपका कमाल देखने को मिला| लोरी बच्चो के स्तर पर बखूबी प्रभाव बना कर रही है|  माधुर्य से ओतप्रोत लोरी पर बधाई लीजिये!! 

Prayas sarahneey ha. Dar lagta ha kahin doodh batasha dekhkar bachcha sona na bhool jay. Chanda se kahein voh munna ke jagne par doodh batash layein .  Abhi nahi.

आप सभी सुधिजनों का हार्दिक आभार

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