For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

आओ मिल के वृक्ष  लगाये

 

घर से निकले धरा बचाये ।

बंजर धरती फिर हरियाये ।

आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥   

 

वन उपवन धरती का गहना ।

अनुपम अदभुत  इसने पहना ।

आओ मिल के धरा  सजाये ॥  आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 


जंगल हमको भोजन देते।

हम से ये कुछ भी न लेते ।

आओ मिल के इन्हें खिलाये ॥   आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 

 

वृक्ष है अपने जीवन दाता ।

सांसो से है इनका नाता ।  

आओ मिल के इन्हे बचाये ॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 

 

शाम भये पन्क्षी का रेला ।

आ के इन पर डाले डॆरा ।

आओ मिलके उन्हे बसाये॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 

 

जंगल अमृत जल बरसाते ।

भूमि को जलने से बचाते

आओ मिल के जल बरसाये॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 

 

एक काटे तो दो लगाये ।

हमने सीखा सबको बताये ।

आओ मिलके ये समझाये॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 

 

मातपिता ये तुल्य हमारे

ये पूज्यनीय सदा हमारे  ।

आओ मिलके शीश नवाये ॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ 

"मौलिक व अप्रकाशित"

 

Views: 1033

Replies to This Discussion

bahut sundar baal kavita badhai aapko

आदरणीया शशी जी बहुत बहुत धन्यवाद शुक्रिया

Aapka sandesh achcha ha, vichar achche hain  prayas mein shram apechit ha.

भाई वसंतनेमाजी, आपकी भावना और आपका उद्येश्य सकारात्मक हैं. रचनाकर्म को और पगाने की आवश्यकता है. व्याकरण के अनुसार बहुवचन की संज्ञा के लिए क्रिया का रूप भी बहुवचन का ही होगा. इसके प्रत् संवेदनशील होने की आवश्यकता है. आपकी रचना आगे जा कर पंक्तियों में कविताई के लिहाज से असहज होती चली जाती है. ऐसा भान होता है मानो रचनाकार लिखते-लिखते थक गया हो.

एक बात अवश्य खुल कर साझा करना चाहूँगा कि असमर्थ या असक्षम रचनाकर्म बालरचनाओं की ज़मीन उपलब्ध नहीं कराता. ऐसा एकदम नहीं सोचना चाहिये. बालरचनाओं की अपनी अलग सत्ता होती है.
   
कुल मिलाकर इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक धन्यवाद.
शुभेच्छाएँ

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अजय भाई , आपका बहुत शुक्रिया "
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीया रिचा जी आपका बहुत आभार "
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"तरही ग़ज़ल  का आयोजन जो पहले  १०० - २००  पेज  तक पहुँच जाता था उसका  ८ -१०…"
47 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरर्नीय नीलेश भाई , आपने वो सब कुछ कह दिया जो मेरे मन में  थी , आपसे सहमत होते हुए एक…"
51 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी,गिरिराज जी मौसीक़ी पर सहमत हो गए है .. इसके बाद इतनी लम्बी और कुण्तठित क़रीर की…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"सहीह शब्द महब्बत ही है  और सहीह शब्द मूसीक़ी ही है । जिसे मानना है माने। जिसे नहीं मानना न…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय गिरिराज जी। बहुत बहुत बधाई। मूसीक़ी पर हुई चर्चा सार्थक रही। अमित भाई के…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"जी ठीक है "
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी गिरह का ये  प्रयास कृपया देखियेगा  सादर  तमाम शहर में रोबोट ही नज़र…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय गिरिराज जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिए  अमित जी की बातें…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी  ग़ज़ल के प्रयास कि लिए बधाई स्वीकार कीजिए अमित जी की बात क़ाबिले  गौर…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय नीलेश भाई . ग़ज़ल पर उपस्थिति के लिए आपका  आभार आदरणीय अमित जी की बात समझ में आ गयी…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service