For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

Views: 12585

Reply to This

Replies to This Discussion

राणा साहब रिप्लाई देने का बहुत बहुत शुक्रिया, जिन्हें 11उन्हें 11में लिया जा सकता है? मेरी जानकारी के अनुसार जिन्हें 12उन्हें 12 होता है  और न्हें की मात्रा नहीं गिरा सकते अगर मैं गलत हूँ तो मुझे सही कर  दीजिये 

जिन्हें, उन्हें को मात्रा गिराकर 11 किया जा सकता है, इसी प्रकार "इन्हें, इन्हीं"  को भी  11 मे बांधा  सकता है| जिस ग़ज़ल का यह मिसरा है वो पूरी ग़ज़ल देखिये 

आओ अब मिल के गुलिस्ताँ को गुलिस्ताँ कर दें

हर गुल-ओ-लाला को रक़्साँ ग़ज़ल-ख़्वाँ कर दें

अक़्ल है फ़ित्ना-ए-बेदार सुला दें इस को

इश्क़ की जिंस-ए-गिराँ-माया को अर्ज़ां कर दें

दस्त-ए-वहशत में ये अपना ही गरेबाँ कब तक

ख़त्म अब सिलसिला-ए-चाक-ए-गरेबाँ कर दें

ख़ून-ए-आदम पे कोई हर्फ़ आने पाए

जिन्हें इंसाँ नहीं कहते उन्हें इंसाँ कर दें

दामन-ए-ख़ाक पे ये ख़ून के छींटे कब तक

इन्हीं छींटों को बहिश्त-ए-गुल-ओ-रैहाँ कर दें

माह अंजुम भी हों शर्मिंदा-ए-तनवीर 'मजाज़'

दश्त-ए-ज़ुल्मात में इक ऐसा चराग़ाँ कर दें

ये मेरे लिए नई जानकारी है मुझे नहीं पता था शुक्रिया 


क्रमांक ७ (१) - ग़ज़ल के मात्रा गणना में अर्ध व्यंजन को १ मात्रा माना गया है तथा यदि शब्द में उच्चारण अनुसार पहले अथवा बाद के व्यंजन के साथ जुड जाता है और जिससे जुड़ता है वो व्यंजन यदि १ मात्रिक है तो वह २ मात्रिक हो जाता है और यदि दो मात्रिक है तो जुडने के बाद भी २ मात्रिक ही रहता है ऐसे २ मात्रिक को ११ नहीं गिना जा सकता है 
उदाहरण - 
सच्चा = स१+च्१ / च१+आ१  = सच् २ चा २ = २२ 
(अतः सच्चा को ११२ नहीं गिना जा सकता है)

आनन्द = आ / न+न् / द = आ२ नन्२ द१ = २२१   
कार्य = का+र् / य = कार् २  य १ = २१  (कार्य में का पहले से दो मात्रिक है तथा आधा र के जुडने पर भी दो मात्रिक ही रहता है)
तुम्हारा = तु/ म्हा/ रा = तु१ म्हा२ रा२ = १२२ 
तुम्हें = तु / म्हें = तु१ म्हें२ = १२  
उन्हें = उ / न्हें = उ१ न्हें२ = १२

राणा प्रताप सर ग़ज़ल की बातें  में वीनस जी का ये लेख है इसके अनुसार उन्हें की मात्रा नहीं गिरायी जा सकती कहा  गया है, या मैं कुछ गलत समझ रहा हूँ मेरी शंका दूर करने की कृपा करें  

मात्राओं को गिराने का कोई प्रामाणिक लिखित नियम नहीं है|

जिन्हें, उन्हें, तुम्हें, क्यों आदि शब्दों को लेकर मेरी  वीनस भाई से विस्तार से चर्चा हुई है पर दुर्भाग्यवश हम एक मत नहीं हो सके| मेरा हमेशा से यही मानना है कि इन शब्दों मे मात्राएं गिराई जा सकती है| 

मजाज़ साहब की गजल मे भी मात्राएं गिराकर ही बांधा गया है|

राणा साहब आपने मेरे प्रश्न के उत्तर के लिए इतनी चर्चा की और अपना कीमती समय दिया उसका मैं आभारी हूँ, मैंने जो कुछ भी सीखा है इसी मंच से सीखा है ,इस तरह से मात्रा गिराने वाली बात मेरे लिए नई थी और मंच से भी मैंने यही सीखा था इसलिए आपको तकलीफ दी  आपका बहुत बहुत शुक्रिया |

आद शेख साहब और आद राणा साहब आप की चर्चा मेरे जैसे नौसिखीये कै दिल मे भ्रमा पैदा करती है. आद राणा साहब अगर हम किसी भी मात्रा को गिरा सकते हैं तो फिर तिरा, मिरा आदि रुप क्यों इस्तेमाल होते हैं? सादर.

9अगस्त से 10 जुलाई19 को उत्सव होगा ये लिखने में त्रुटि हो गई क्या आदरणीय

आदरणीय,

अपनी तरही ग़ज़ल में आवश्यक सुधार करना चाहता हूँ.समझ नहीं आ रहा है कैसे करूँ?

कृपया मदद कर अनुग्रहित करें।

सालिक गणवीर

तरही मुशायरे की गजल में संशोधन का कोई प्रावधन नहीं है । उसके लिए अपनी गजल के रिप्लाय बाक्स में ही संशोधन का अनुरोध एड्मिन से कर सकते हैं । यदि संकलन प्रकाशित हुआ तो उसमें स्वयं एड्मिन संशोधन कर देंगे । 

मुख्य पृष्ठ पर लिंक मिल जायेगा। 

"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता में मैं केसै भाग ले सकता हूँ, कृपया बताने का कष्ट करें.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
10 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
21 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
27 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
32 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जू भाई, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service