For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-96

परम आत्मीय स्वजन,

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 96 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह जनाब फ़िराक़ गोरखपुरी  साहब की ग़ज़ल से लिया गया है|

"रात है नींद है कहानी है "

2122   1212      22

फाइलातुन मुफाइलुन फेलुन/फइलुन 

(बह्र: खफीफ मुसद्दस मख्बून मक्तुअ)

रदीफ़ :-है 
काफिया :- आनी  (कहानी, पुरानी, निशानी, आनी, जानी, दीवानी आदि)
 

मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | इस बार मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 27 जून दिन बुधवार को हो जाएगी और दिनांक 28 जून  दिन गुरुवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.

 

नियम एवं शर्तें:-

  • "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |
  • एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |
  • तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |
  • शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |
  • ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |
  • वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें
  • नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |
  • ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | 

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 27 जून दिन बुधवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन
बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.comपर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.


मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह 
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 14705

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

मुहतरमा अंजली गुप्ता साहिबा सुख़न नवाज़ी पर आपका मशकूर हूँ,,,

बढ़िया इस्लाह। बहुत ही भिन्न बेहतरीन भावपूर्ण अशआर के साथ बेहतरीन ग़ज़ल के लिए हार्दिक मुबारकबाद आदरणीय अफ़रोज़ 'सह्र' साहिब। 

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब ग़जल में शिरकत और सुख़न नवाज़ी पर आपका ममनून ओ मश्कूर हूँ।

इक्का है, राजा है, न रानी है
ये मेरे दौर की कहानी है

ख़ुद के ही काम ग़र जो आनी है
फिर मियाँ ख़ाक ये जवानी है

हर तरफ़ फैला है अँधेरा सा
मुल्क़ में किसकी हुक्मरानी है

सारी चीज़ें वहीं पे रहनी हैं
उसकी तस्वीर बस हटानी है

लोग मुझको समझते हैं मजनूँ
ख़ाक सहरा की जब से छानी है

क़ाश ये बात मैं भी कह सकता
"रात है, नींद है, कहानी है”

तुझको अपने ही तेरे लूटेंगे
मेरी जाँ रस्म ये पुरानी है

सबको भरनी है रेत मुट्ठी में
और फिर देर तक उड़ानी है

डूब के लोग जिसमें मर जाएँ
आँख में अब कहाँ वो पानी है

सबकी चाहत है सच को सुनने की
झूठ कहने की सबने ठानी है

जिस कहानी में हीरो मर जाए
वो कहानी मेरी कहानी है

(मौलिक व अप्रकाशित)

महेंद्र जी बहुत कामयाब ग़ज़ल.

सबकी चाहत है सच को सुनने की

झूठ कहने की सबने ठानी है........ख़ास पसंद शेर

मुबारकबाद आपको 

बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय अजय जी। हृदय से आभारी हूँ। सादर। 

जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,बहुत दिनों बाद आपकी मुशायरे में शिर्कत हुई है ।

ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

मतला कमज़ोर है ।

दूसरे शैर के ऊला में 'ग़र' को "गर" कर लें ।

'सबकी चाहत है सच को सुनने की

झूठ कहने की सबने ठानी है'

इस शैर के ऊला मिसरे में "सबकी" की जगह "किसको" करना उचित होगा ।

सादर आदाब सर। वाक़ई में बहुत दिनों बाद मुशायरे में आना हुआ। सच कहूँ तो काफ़ी वक़्त से कोई ग़ज़ल लिखी ही नहीं थी पर इस बार ख़ुद को रोक नहीं पाया। कल रात तक भी सहभागिता का कोई विचार नहीं था फिर लगा कि नहीं लिखना चाहिए सो आज ही लिख कर पोस्ट कर दी। वास्तविकता यह है कि ग़ज़ल लिखना मेरे लिए बहुत कठिन कार्य है, इसी से इन दिनों इससे थोड़ा कतराता हूँ। बड़ी ख़ुशी हुई कि कई शेर पास हो गये। मेहनत सफल रही। 

आपने मतले की बात की है, क्या इन तीनों मिसरों में से कोई सानी मिसरा हो सकता है:

इक्का है, राजा है, न रानी है

जो बचे उनकी ये कहानी है / शेष पत्तों की ये कहानी है / उन ग़ुलामों की ये कहानी है

हमेशा की तरह आपकी इस्लाह और उत्साहवर्धन का हृदय से आभारी हूँ। बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर। 

मेरा इशारा मतले के ऊला मिसरे की तरफ़ था,उसे बदलने का प्रयास करें,सानी मिसरा तो बहतरीन है ।

ठीक है सर, समझ गया। पूरा प्रयास करता हूँ। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर। 

आदरणीय महेन्द्र जी , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई । मुबारकबाद !

शुक्रिया आदरणीय आशीष जी। हृदय से आभारी हूँ। सादर। 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
10 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service