For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-9 (विषय: आकांक्षा)

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले आठ आयोजन बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए, जिससे कि यह गोष्ठियाँ एक वर्कशॉप का रूप धारण कर गईं। इन आयोजनों के विषय आसान नहीं थे, किन्तु हमारे रचनाकारों ने बड़ी संख्या में स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-9  
विषय : "आकांक्षा"
अवधि : 30-12-2015 से 31-12-2015 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 30 दिसंबर 2015 दिन बुधवार से 31 दिसंबर 2015 दिन गुरूवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  30 दिसंबर 2015 दिन बुधवार  लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२.सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
११. रचना/टिप्पणी सही थ्रेड में (रचना मेन थ्रेड में और टिप्पणी रचना के नीचे) ही पोस्ट करें, गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी बिना किसी सूचना के हटा दी जाएगी I
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 19146

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

परम आदरणीय कबीर साहिब मैंने आपका जन्म वर्ष तथा प्रोफाइल नहीं देखा था , सिर्फ आपकी रचना देखी थी। आपको सिर्फ नाम से बुलाने की धृष्टता की अनजाने में। तो भी भूल तो भूल है। बड़ा बेअदब हूँ, सज़ा चाहता हूँ ( साभार ) सच्चे मन से क्षमा चाहता हूँ। आशा है आपने अब तक माफ़ भी कर दिया होगा।

जनाब जनाब प्रदीप नील जी,आदाब,कोई बात नहीं ,अंजाने में ऐसा हो जाता है :-

"सज़ा ये है,बहतर से बहतर लिखो तुम,
मैं इसके सिवा और क्या चाहता हूँ"

परम आदरणीय , आपकी दरियादिली, कि क्षमा तो किया ही , सब कुछ दे भी दिया आपने
थोड़ा लालची हो जाऊं ? लगता है , जो मांगूंगा मिल जाएगा।
मेरी सलामती की दुआ अगर कर पाएं , तो कीजिएगा कभी।
ज्यादा नहीं , दो -चार साल मांग लीजिए उससे , जिससे सब मांग लेते हैं।

जनाब योगराज प्रभाकर जी आदाब,लघुकथा का ये मेरा पहला प्रयास है आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण होगी आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया का में बेचैनी से इन्तिज़ार करूँगा,इस प्रतिक्रिया के आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

मोहतरम समर कबीर साहिब इत्मीनान रखें, बतौर लघुकथा यह प्रस्तुति सिनफ़ के तकरीबन हर तकाज़े को पूरा करती है I क्योंकि लघुकथा विधा में यह आपकी पहली कोशिश है, लिहाज़ा कामयाब है I बहरहाल आकांक्षा और महत्वकांक्षा में एक बारीक सा फर्क होता है जो दोनों के मानी बदल देता है I पहले आपने सार-छ्न्द कहा और अब लघुकथा, इससे ओबीओ परिवार और समृद्ध हुआ है I         

जनाब योगराज प्रभाकर जी ,आदाब,आप अच्छी तरह जानते हैं कि मैं ओबीओ से बेपनाह मुहब्बत करता हूँ,मेरी हार्दिक इच्छा तो ये है कि मैं ओबीओ पर जितने भी आयोजन होते हैं उसमें हिस्सेदार बनूँ,इसी मक़सद को सामने रखकर सारछन्द लिखने का प्रयास भी बराबर जारी है और आज से लघुकथा लिखने पर भी पूरी तवज्जो दूँगा ।
आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से हौसला अफ़ज़ाई भी हुई और दिल को इत्मिनान भी हासिल हुआ कि मेरा साहित्यिक सफ़र सही रास्ते पर हो रहा है ,एक बार फिर आपकी हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
चाहता तो ये था कि इस आयोजन की हर प्रस्तुति पर अपनी प्रतिक्रिया दूँ,लेकिन इंटरनेट प्रॉब्लम की वजह से ये संभव न हो सका इसके लिये मैं मंच से क्षमा प्रार्थी हूँ ।

 मैं ओबीओ से बेपनाह मुहब्बत करता हूँ,मेरी हार्दिक इच्छा तो ये है कि मैं ओबीओ पर जितने भी आयोजन होते हैं उसमें हिस्सेदार बनूँ----------विभोर हो उठी। शत-शत नमन आपको आदरणीय समर कबीर साहब ।   

आदरणीय योगराज भाईजी, एक सिद्धहस्त ग़ज़लकार को साहित्य की अन्य विधाओं में प्रयास करते देखना इस् लिए सुखद नहीं है कि रचनाकार लगातार समृद्ध हो रहा है, बल्कि ओबीओ के उद्येश्य को प्रभावी स्वीकृति मिल रही है. 

आदरणीय समर कबीर साहब को पिछले छन्दोत्सव में छान्दसिक रचना पर प्रयासरत देखना जितना रोमांचित कर रहा था, वही कुछ भाव मोहतरम की लघुकथा को देख कर उठ रहे हैं.

जहाँ तक शिल्प और विधा के आलोक की बात है तो जितना संवेदनशील आदरणीय समर कबीर साहब हैं, उनके लिए विधासम्मत रचनाएँ प्रस्तुत करना अधिक कठिन नही होगा. आदरणीय समर कबीर को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ 

जहाँ तक शिल्प और विधा के आलोक की बात है तो जितना संवेदनशील आदरणीय समर कबीर साहब हैं, उनके लिए विधासम्मत रचनाएँ प्रस्तुत करना अधिक कठिन नही होगा. -------  एकदम सही कह रहे है आप। सादर। 

आदरणीया कान्ताजी, आदरणीय समर कबीर साहब के लिए यह वाकई सही है. मुझे पूरी आश्वस्ति है. 

जनाब सौरभ पांडे जी,आदाब, ये ओबीओ की मुहब्बत ही है जो मुझ से ये सब करवा रही है लेकिन एक बात बिलकुल सत्य है कि मेरे प्रेरणा स्त्रोत आप ही हैं,महोत्सव में आपकी छन्नपकैया प्रस्तुति से गुज़रने के बाद मुझे इसकी प्रेरणा मिली और इसके बाद जनाब गिरिराज भंडारी जी के सारछन्दो ने मुझे मुतास्सिर किया।
इस आयोजन में भी मैं पाठक की हैसियत से ही शरीक हुवा था लेकिन जनाब योगराज प्रभाकर जी,बहना राजेश कुमारी जी और मोहतरमा रीता गुप्ता साहिबा की लघु कथाओं से मुझे लघुकथा लिखने की प्रेरणा मिली और मैंने एक सच्चे वाक़ए को लघुकथा का रूप दे दिया और इसमें कुछ सफ़लता भी हाथ लगी,आलोचना से भी गुज़रना पड़ा और इस कारण से मेरा मनोबल बहुत बढ़ गया है,मेरे इस अमल को पसंद करने के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

"आगे आगे देखिये होता है क्या"

पर्वतों से बढ़ चुकी है अब नदी   

"आगे आगे देखिये होता है क्या"

:-))

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की…"
37 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका सादर "
39 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
46 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई सुरेंद्र जी अभिवादन। उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
48 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. रिचा जी, अभिवादन। उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
49 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और मार्गदर्श के लिए आभार। कुछ बदलाव…"
50 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। गुणीजनो की सलाह से इसमें निखार आ गया है । हार्दीक…"
54 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय दयाराम जी  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों ने अच्छी इस्लाह…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय जयहिंद जी  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय सुरेंद्र जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया अपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों ने…"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service