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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-7 (विषय: शतरंज)

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले छह आजोयन आशा से कहीं बढ़कर बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए। छठे आयोजन में विषय अपेक्षाकृत कठिन था, किन्तु हमारे रचनाकारों ने दो दिनों में ४० से ज्यादा स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-7 
विषय : "शतरंज"
अवधि : 30-10-2015 से 31-10-2015 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 30 अक्टूबर 2015 दिन शुक्रवार से 31 अक्टूबर 2015 दिन शनिवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  30 अक्टूबर 2015 दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२.सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
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मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
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Replies to This Discussion

आदरणीय राजकुमारी जी आप ने प्रतिको के माध्यम से पुस्तकों के महत्व को शानदार ढंग से अपनी रचना में अभिव्यक्ति दी है. बधाई.

आ० ओम प्रकाश जी ,आपका दिल से बहुत बहुत आभार |

पुस्तकालय के ज़रिये जो आपने तानाबाना बुना है वह निश्चित ही प्रशंसनीय है,किताबों भी शतरंजी बिसात की शिकार होती है बहुत बहुत बधाईयां आद०राजेश आपके लिये ।

आ० नीता जी ,आपका दिल से बहुत बहुत आभार 

वाह वाह, क्या गज़ब का और नया कथानक चुना है आ० राजेश कुमारी जी. बेहद प्रभावोत्पादक लघुकथा हुई है.  जिन प्रतीकों का आपने प्रयोग किया है, कमाल के हैं. बधाई तो आपको ढेरों ढेर देना चाहता था, किन्तु आपकी लघुकथा फिर से "कालखंड" दोष का शिकार  हो गई. एकांकी स्वरुप और एकल कालखंड ही लघुकथा और कहानी को अलग अलग करते हैं. आशा है, भविष्य में मेरी यह बात आपको याद रहेगी. बहरहाल आप इसको विस्तार देकर पूरी कहानी कह सकती हैं. प्रतिभागिता हेतु हार्दिक अभिनन्दन अवश्य स्वीकारें.  

आ० योगराज जी ,आपकी वाह वाह ही मेरे लिए पारितोषिक के समांन  है मेरा लिखना सफल हुआ .हाँ दुबारा वही गलती होने पर शर्मिंदा हूँ दरअसल कथानक और भाव दिमाग में आते ही बस लिखती गई उसकी रौ में इस तरह बह गई की ध्यान ही नहीं रहा और फिर वही गलती हो गई वैसे आपका ये कहना सही है ,जैसे की इस कथानक की डीमांड भी है इसको कहानी केटेगरी में ही रखना श्रेयस्कर होगा |इस बार सबक लेते हुए आगे से ये गलती नहीं दोहराऊगी आपका दिल से बहुत बहुत आभार | 

बढ़िया लघुकथा हुई हैं आदरणीय राजेश कुमारी जी ,लाइब्रेरी पर इतनी बढ़िया रचना वाह ! लेकिन आपको रचना कालखंड दोष का शिकार हो गयी हैं। सादर

अर्चना त्रिपाठी जी .आपका बहुत बहुत आभार |

वाह्ह्ह् गज़ब की लघुकथा कही आपने आदरणीया जी । हार्दिक बधाई आपको

हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी!!बेहतरीन प्रस्तुतिकरण और सुंदर लघुकथा !

आ० तेजवीर सिंह  जी ,इस  उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार आपका |

आ० पंकज जोशी जी ,आपकी प्रतिक्रिया से अभिभूत हुई दिल से आभार आपका |

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