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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-70 (विषय: विरोध के स्वर)

आदरणीय साथियो,
सादर नमन।
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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-70 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है. प्रस्तुत है:
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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-70
विषय: "विरोध के स्वर"
अवधि : 29-01-2021 से 30-01-2021
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अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फ़ॉन्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है।
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाए रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पाएँ इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद ग़ायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आसपास ही मँडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया क़तई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ-साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा ग़लत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिसपर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फ़ोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
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मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी सर जी, गजब की बारीक नजर की पकड़ से आपने ये कथानक उठाया है, मन गदगद हुआ, 

समाज में इस तरह के प्रदूषण और दुरुपयोग को आये दिन हम देखते हैं लेकिन चुप रहते हैं, उस लिहाज से विरोध और सुधार के लिए मासाब का किरदार बहुत फिट बैठकर संदेश दे रहा है।बहुत बहुत हार्दिक बधाई सार्थक लघुकथा के लिए।

हालांकि  लघुकथा और संक्षिप्त हो सकती थी मेरे विचार में!

 ख़ाकी शब्द में देशप्रेम और देशसेवा के लिए आदर का जो भाव पैदा किया है वह //खाकी की दुर्दशा// तक तो ठीक है, लेकिन आगे " रक्षा कवच है" जैसे उदगार खटकते से हैं, और विषय से भटकते हुए कथानक की धार को कम करते हुये मुझे लग रहे है,। पुनः आपकी बारीक नजर और कथानक को सादर प्रणाम ।

आदाब। रचना पटल पर उपस्थित होकर मार्गदर्शक विवेचना, सराहना और समीक्षा/सुझाव हेतु हार्दिक धन्यवाद मुहतरम जनाब कृष मिश्रा 'जान'गोरखपुरी साहिब। पाठकों को विषय भटकाव लग सकता है.... लेकिन लेखक और क्या-क्या कहना चाहता है... इसके सम्प्रेषण में सफल न हो सका, ऐसा लगा आपकी टिप्पणी से। 

खाकी को सलाम करती शानदार लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय उस्मानी जी

आदाब। रचना पटल पर व लाइव लघुकथा गोष्ठी में हमेशा की तरह सक्रीय सदस्यों में शामिल रहने हेतु व हमें मार्गदर्शित, प्रोत्साहित करते रहने हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी। 

नववर्ष की इस पहली गोष्ठी में हम सब अपनी सहभागिता निभा सके, यह हमारा सौभाग्य है। लघुकथा विधा प्रेम है। हार्दिक बधाई आप सभी को।

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"जय हो.. "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
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"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
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"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
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"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
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