For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ लखनऊ चैप्टर का उद्घाटन एवं काव्य गोष्ठी

      आप सभी मित्रों को यह सूचित करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि दिनांक 18. 05. 2013 को लखनऊ में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसकी अध्यक्षता आदरणीय श्री गणेश जी बागी करेंगे। इस अवसर पर ओबीओ लखनऊ चैप्टर का उद्घाटन भी आदरणीय श्री बागी जी द्वारा किया जाएगा।

       इस कार्यक्रम में लखनऊ तथा उसके आसपास के क्षेत्र के सभी ओबीओ सदस्य सादर आमंत्रित हैं।

कार्यक्रम:- ओबीओ लखनऊ चैप्टर का उद्घाटन तथा काव्य गोष्ठी

दिनांक:- 18. 05. 2013

समय:- अपराहन 3.00 बजे

स्थान:- निर्माण भवन,

            96, महात्मा गांधी मार्ग,

            डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ,

            लखनऊ (राज भवन के सामने)

सम्पर्क सूत्र:-

केवल प्रसाद, मोO  - 9415541353

बृजेश नीरज, मोO  - 9838878270

Views: 1576

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय बागी जी का स्वागत एवं हार्दिक अभिनंदन है. 

आयोजन की सफलता हेतु हार्दिक शुभ कामनाएं 

शुभ सात्विक संभावनाओं तथा साहित्यकर्म में यथोचित योगदान की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ अनेकानेक बधाइयाँ.. .

कोई प्रारंभ अत्यंत सहज होता है, किंतु दायित्वपूर्ण निर्वहन की सतत अपेक्षा करता है..

शुभ-शुभ

आदरणीय हम सबका प्रयास होगा कि दायित्व का सतत निर्वहन हो। सादर!

अहा ! अत्यंत ख़ुशी का समाचार प्रांतीय राजधानी में ओ बी ओ की ज़ोरदार दस्तक । भाई सभी को हार्दिक बधाई अरु शुभकामनाये !! 

कारवां संख्या और रचना बल से और सशक्त हो रहा है इस दिनानुदिन उन्नति से हम सभी आह्लादित है ..हल्द्वानी में सम्मिलन और लखनऊ में चैप्टर का उद्घाटन ...ऐतिहासिक है यह घडी !!!

               

                             

//कारवां संख्या और रचना बल से और सशक्त हो रहा है इस दिनानुदिन उन्नति से हम सभी आह्लादित है//

आपने एकदम सही कहा है, अभिनव अरुण भाई जी.  वस्तुतः यह हम सभी केलिए आह्लाद की घड़ी है.

ओबीओ के नाम पर कोई पहली प्रत्यक्ष गोष्ठी वाराणसी में ही हुई थी जिसमें हम-आप भी सम्मिलित थे. उस गोष्ठी के बाद परिस्थितियाँ और व्यावहारिक संलग्नता बनी होती तो शायद लखनऊ को मिल रहा आज का यह सम्मान वाराणसी को ही मिला होता. लेकिन यह भी उतना ही सही है कि जब-जब जो-जो होना है, तब-तब सो-सो होता है.

यह लखनऊ और आस-पास के सक्रिय सदस्यों का तथा अन्यान्य स्थानों के अत्यंत आत्मीयजनों का उत्साह और शुभचिंतकों की संलग्नता और लगाव ही है, भाईजी, कि पिछले कुछ महीनों से ओबीओ पर और इससे सम्बन्धित सकारात्मक कार्यों की प्रक्रियाएँ बढ़ गयीं हैं. अन्यथा आपको भी भान है कि कुछ अरसे पूर्व तक स्थिति यह थी कि कई-कई तथाकथित आत्मीय सज्जनों की विशिष्ट मनोदशाओं और अव्याख्य व्यवहारों से अतुकांत परिस्थितियाँ उभरने लगी थीं.

आत्मीयजन की शुभकामनाओं का ओबीओ का समस्त परिवार सदा से आकांक्षी रहा है.

शुभम्

आदरणीय इस प्रयास में आप के आशीर्वाद व मार्गदर्शन की सदैव आवश्यकता रहेगी।
सादर!

आदरणीय इस प्रयास में आप लोगों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन की सदैव आवश्यकता रहेगी।
सादर!

बहुत बहुत शुभकामनाएं. ओ बी ओ के लिए अपार ख़ुशी का अवसर है."कोई प्रारंभ अत्यंत सहज होता है, किंतु दायित्वपूर्ण निर्वहन की सतत अपेक्षा करता है." मैं भी आदरणीय सौरभ जी की बात से पूरी तरह सहमत हूँ. 

आदरणीय इस प्रयास में आप लोगों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन की सदैव आवश्यकता रहेगी।
सादर!

                आ0 ओ0बी0ओ0 के समस्त सम्माननीय पदाधिकारियों, सदस्यों एवं सुधीजनों आप लोगों के असीम अनुकम्पा, सहयोग और स्नेह से ही लखनऊ शहर में ‘‘ओ0बी0ओ0 लखनऊ चैप्टर‘‘ की स्थापना होना सुनिश्चित किया गया है। हम लखनऊ वासियों के लिए यह एक परम सौभाग्य और गर्व की बात है। इसके लिए हम सभी लखनऊवासी आप लोगों का तहेदिल से बहुत-बहुत शुक्रिया व हार्दिक आभार प्रकट करते हैं। और साथ ही साथ सादर अनुरोध सहित यह अपेक्षा भी करते हैं कि आप लोग इस शुभ कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान करने हेतु आशीर्वाद और आवश्यक मार्गदर्शन देने की कृपा करें। सादर,

समस्त लखनऊवासी

वाह यह तो बहुत अच्छी बात है ...
असीम शुभकामनाएं

वीनस भाई आपका आभार! हमें आपकी उपस्थिति की प्रतीक्षा रहेगी।
सादर!

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
1 hour ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
5 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
12 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
21 hours ago
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service