For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 74354

Reply to This

Replies to This Discussion

स्नेही साथियो,
आज हमारे मंच ओबीओ का स्थापना दिवस है..ओबीओ नें अपने चार वर्ष पूरे कर के पांचवें में प्रवेश किया है.... तो ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों के लिए मेरी तरफ से एक छोटा सा केक.......

भाव ज्ञान का विस्तृत सागर
प्रेमादर की छलकी गागर
सभ्य सुसंस्कृत नेह पगा वो
क्या सखि साजन? नहिं ओबीओ

वाह, बहुत सुंदर भाव !प्राची जी ईश्वर इस मंच के लिए उन्नति के नए मार्ग खोलता रहे, शुभकामनाएँ  

बहुत शुभ दिन है.
'ओ बी ओ' की पूरी टीम को उनके अथक परिश्रम और सृजनशीलता के अवसर हम सब को देने के लिए दिल से बधाई देता हूँ. आशा करता हूँ की ये मंच आने वाले दिनों में और प्रगति करेगा और देश में साहित्य के विकास मे अपना बहुमूल्य योगदान देगा.
धन्यवाद

समस्त ओ बी ओ परिवार को स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

सुने-कहे,   सम्बन्ध बनावे 
बहुविधि विद्या सहज सिखावे  
शब्द-धनी, अति सुगढ़ सुधी वो  
का सखि साजन ? नहीं... ओबीओ !

ओ बी ओ स्थापना दिवस पर ओ बी ओ परिवार के समस्त सदस्यों को हार्दिक बधाइयाँ.

ओबीओ   की स्थापना दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई. 

जब चाहूँ सम्मुख आ जावे 

ज्ञान दीप की ज्योति जलावे 

राह दिखाए सुलभ सही वो 

क्या सखि साजन ?

ना ओबीओ | 

ओबीओ की चतुर्थ वर्षगाँठ पर ओबीओ के संथापक, प्र.सम्पादक, प्रबंधक मंडल सदस्य और सुधि लेखकों को हार्दिक बधाई -

सागर से नवरत्न निकाले

अमृत सबको खूब पिलावे

पथ से डिगता कभी नहीं वो

क्या सखी साजन ? नहीं ओबीओ  

बड़े ही दुःख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि ओ बी ओ परिवार के सम्मानित सदस्य, कवि और हास्य कलाकार आदरणीय टीकमचंद उर्फ़ अलबेला खत्री जी हमारे बीच नहीं रहे, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार के सदस्यों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें । 

आदरणीय अलबेला खत्री जी के न रहने का दुखद समाचार सुन मन बहुत आहत है.... 

परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि वो दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में शरण दें..और उनके स्वजनों को इस अपार दुःख को सहने का संबल प्रदान करें.

इस दुःख की घड़ी में ओबीओ परिवार उनके परिवार के साथ है.

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति: ,

पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: ।

वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति: ,

सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

विनम्र श्रद्धांजलि !

एक ऐसी खबर जिस पर विश्वास ही नहीं हो रहा है .........श्रद्धांजलि  लिखने के लिए दिल बिलकुल भी गवाही नहीं दे रहा ............दुःख को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे ........

ओबीओ के सक्रिय सदस्य, हास्य कवि अलबेला खत्री जी हमारे मध्य नहीं रहे | परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार जनों को असीम दुःख सहने के शक्ति प्रदान करे | प्रभु से यही याचना है | ॐ शांति शांति शांति: !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
16 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service