For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग्रीष्म सत्र -2013 हेतु ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रबंधन टीम व कार्यकारिणी टीम का पुर्नगठन...

प्रिय ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्यो !
यथोचित अभिवादन ।

आज आपका ओ बी ओ परिवार चौथे वर्ष में प्रवेश कर गया है । बड़े ही हर्ष के साथ कहना है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन के बेहतर संचालन हेतु आज दिनांक 01 अप्रैल 2013 से "ग्रीष्म सत्र" के लिए पुर्नगठित "ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रबंधन टीम"  तथा "ओपन बुक्स ऑनलाइन सदस्य कार्यकारिणी" प्रभावी हो गई है |

साथियो, डॉ प्राची सिंह जी, जो विगत सत्र में कार्यकारिणी सदस्या के रूप में थीं, को ओ बी ओ परिवार के प्रति उनके समर्पण और सहित्य-सेवा के प्रति सजगता को देखते हुए इस बार उन्हें "ओ बी ओ प्रबंधन टीम" में जगह दी गई है । 

"ओ बी ओ कार्यकारिणी टीम" में भी बदलाव हुआ है । जहाँ एक तरफ श्री अशोक रक्ताले जैसे वरिष्ठ व अनुभवी व्यक्तित्व को शामिल किया गया है, वहीं दो युवा,  ऊर्जस्वी एवं ओ बी ओ के प्रति समर्पित हस्ताक्षरों  --श्री संदीप पटेल ’दीप’ और श्री विन्ध्येश्वरी त्रिपाठी ’विनय’--  को शामिल किया गया है ।   

प्रबंधन व कार्यकारिणी सदस्यों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ | उम्मीद है,  आप सबकी निगेहबानी में ओ बी ओ नित्य नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा |

 

गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रबंधन टीम

*(ग्रीष्म सत्र - २०१३)

गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक

योगराज प्रभाकर
प्रधान संपादक

 

सौरभ पाण्डेय
सदस्य टीम प्रबंधन

राणा प्रताप सिंह
सदस्य टीम प्रबंधन

डॉ प्राची सिंह
सदस्य टीम प्रबंधन

***

ओपन बुक्स ऑनलाइन सदस्य कार्यकारिणी

*(ग्रीष्म सत्र - २०१३)


अशोक कुमार रक्ताले सतीश मापतपुरी राजेश कुमारी

 

संदीप कुमार पटेल
विन्ध्येश्वरी त्रिपाठी विनय
सीमा अग्रवाल संजय मिश्र "हबीब"

*ग्रीष्म सत्र 2013( 01 अप्रैल -13 से 30 सितम्बर -13 तक )

नोट :- उक्त सभी पद स्वैच्छिक व अवैतनिक है । 

Views: 2426

Reply to This

Replies to This Discussion

सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएँ.

आज मुझे वह दिन याद आ रहा है,जब में इस मंच से जुड़ा था,एक सदस्य के रूप में।और उससे पूर्व का जब मैं सदस्य भी नहीं था,तुक जोड़ने की बुराई (प्रबुद्ध लोग स्वमति अनुसार पढ़े) तो जन्मना थी लेकिन उसे नव आयाम दिया ओ.बी.ओ. ने। (यह एक मात्र संयोग था तब मैं बिना किसी पूर्व सूचना के जान पहचान के अनायास सर्फिंग के माध्यम से ओ.बी.ओ. को जान सका था)। अब तक मैं गुरुजनों के सामने बैठे प्रवचन सुन रहे शिष्यों की पंक्ति में था,लेकिन आज मुझे मेरे गुरुजनों ने अपने चरण के समीप बुलाकर मुझ पर महती उपकार किया है।आज मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ।मैं अपने समस्त गुरुजनों को भूरि-भूरि प्रणाम करता हूँ।

मैं अपने प्रिय भाई संदीप जी का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ,हम समवेत रूप से गुरुजनों की सेवा कर सकें माँ शारदा हमें इतनी शक्ति दें।
साथ ही मैं अपनी प्राची दीदी जी को पदोन्नति के लिये हार्दिक बधाई देता हूँ।आप अपना स्नेह,प्रेम एवं निश्छल मार्गनिर्देशन पूर्ववत प्रदान करने की कृपा कीजियेगा।
आज मैं अपने उस शिष्य को भी धन्यवाद देता हूँ,जिसने मुझे मेरा ई-मेल आइडी बनाकर दिया था,जिसके माध्यम से मैं ओ.बी.ओ. से जुड़ सका।
और अंत में कुछ पंक्तियाँ-
अनगढ़ पत्थर थे प्रभो,गढ़ा निरंतर मोहि।
पत्थर से प्रतिमा किया,बलिहारी गुरु तोहि॥

भाई विंध्येश्वरीजी, आपका कार्यकारिणी में स्वागत करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है. यह अवश्य है कि साहित्य कर्म के साथ-साथ सामाजिक तथा व्यावहारिक जीवन का नियत और सधा होना भी उतना ही आवश्यक है. इन मामलों में ओबीओ का अभिनव मंच अन्य लगभग सभी साहित्यिक मंचों से भिन्न है जहाँ रचनाकर्म और वातावरण संधान दोनों के प्रति आग्रह रखा जाता है.  इसका कारण यही है कि स्वार्जित ज्ञान मनुष्य को उत्साही तो रखता ही है यदि नियंत्रित न रखा जाय तो मनुष्य को दम्भी, प्रदर्शनप्रिय और अवांछित रूप से दुराग्रही व वाचाल बना देता है. हम सभी, भाईजी, अत्यंत संतुष्ट तथा आश्वस्त हैं कि बावज़ूद आभासी दुनिया में अत्यंत संलग्न होने के आप दिखावा और एक सीमा के आगे स्वयं को अभिव्यक्त करने के मुखर आतंक से बचे हुए हैं.

आपका कार्यकारिणी समिति के सदस्य के तौर पर पुनः स्वागत करते हैं. विश्वास है, आपकी संलग्नता हम सभी के लिए कार्यक्षम रहने का कारण होगी.

शुभेच्छाएँ

ओ बी ओ के तीन सफल वर्ष और चौथे वर्ष में प्रवेश हर्ष का विषय है
प्रबंधन समिति तथा कार्यकारिणी के समिति के सभी सदस्यों सहित ओ बी ओ परिवार को हार्दिक बधाई

सादर

ओबीओ के प्रधान सम्पादक तथा मुख्य प्रबन्धक तथा प्रबन्धन था कार्यकारिणी समिति के सदस्यों का सादर आभार कि मुझे साहित्यकर्म में निरत अभिनव मंच पर स्वैच्छिक सेवा प्रदान करने का पुनः अवसर दिया गया. वर्तमान सत्र में मैं अपनी सीमाओं तथा क्षमता के अनुरूप सहयोग दूँगा तथा सीखने की प्रक्रिया के अंतर्गत प्रयासरत रहूँगा.

इसके साथ ही, प्रबन्धन समिति तथा कार्यकारिणी समिति के पुराने सदस्यों के प्रति आदर तथा नये सदस्यों के प्रति स्वागत का भाव व्यक्त करता हूँ.  ताकि सं गच्छध्वं सं वदध्वं सं वो मनांसि जानताम् का सहृद वातावरण व्यापा रहे.

सादर

पहली अप्रैल को ओबीओ की प्रबन्धन और कार्यकारिणी की नयी टीम का गठन हो गया, मेरी तरफ़ से सभी सदस्यों को बधाई.


साथ ही साथ ओबीओ ने अपने तीन वर्ष भी पूरे कर लिये हैं. इस नेट जगत में जहाँ सदस्यों के विचार, प्रकार, आकार सभी बदलतें रहते हों वहाँ पर एक ऎसे साइट को तीन वर्षों तक सफ़लतापूर्वक चलाना, जिसका मुख्य उद्देश्य हिन्दी साहित्य सेवा हो, बहुत बडी़ बात है. इस साइट ने अपने आप को अन्य कथित स्वान्तःसुखायी रचनाधर्मी साइटो से अलग कर रखा है.

यहाँ परम्परा सीखने-सिखाने की है. नये लोगों को बिना किसी लाग लपेट के, बिना किसी पूर्वाग्रह के, दिल खोल के समझाया जाता है. रचनाओं पर कोरी, मुँहदेखी वाहवाही नहीं होती बल्कि सीखते हुओं या सीख गयों द्वारा नुख़्ताचीनी होती है. हर आयोजन नवागंतुकों के लिए लेखन के वर्कशॉप की तरह होता है. इतना कि हर मुशायरे के बाद यहाँ लाल रंग की होली खेली जाती है. जिस पर ये लाल रंग पडा़ वो अमूमन बुरा नहीं मानता है, अपितु उस लाल रंग को हटाने के लिये प्रयासरत हो जाता है. कहना न होगा कि नेट पर अपने पन्ने चलानेवाले या सोशल साइटों पर व्यक्तिगत दो-चार लाइनों से आत्ममुग्ध कथित कई स्वांतःसुखायिओं ने अपने आप को यहीं मांजा है. साबुन पानी ओबीओ का और मेहनत आज के उन महानों की. 

तो फ़िर लोगों की नजर में चढ़ने के लिये तैयार हो जायें और इसी परम्परा को आगे बढायें... मैं इस अद्भुत साइट के प्रति बहुत ही आदर का भाव हूँ.

जय हो

obo मंच के संस्थापक और प्रधान सम्पादक को हजारों साधुवाद जिन्होंने इस मंच का ऐसा खाका बनाया है कि हर

कोई सदस्य इसमें भागीदारी कर स्वध्याय से अपनी पगति कर सकता है, साथियों का सहयोग ले सकता है |

आदरणीया (इन्हें योग्य और महिला होने के कारण यह संबोधन करता हूँ,यद्यपि उम्र में ये मेरी बच्ची के सामान है) डा प्राची सिंह का सहयोगात्मक रवैया, इनकी लगन,सिखने-सिखाने के परवर्ती के कारण ये ६ माह पूर्व कार्यकारिणी में

और अब पदौन्नत होकर प्रबंधकीय टीम में अपनास्थान बनाने में कामयाब हुई | इससे जाहिर है कि इनकी बनस्थली विद्यापीठ, जयपुर में शिक्षा और इनका पारिवारिकपरिवेश कितना अच्छा है |

इन्हें दिल से ढेरों बधाई और शुभ कामनाए 

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद लड़ीवाला जी,

ओबीओ मंच पर आप सबसे जो स्नेह और सम्मान मुझे प्राप्त हुआ है मैं उसकी हृदय तल से आभारी हूँ..

शिक्षा और परिवार ही मनुष्य के निर्माण का आधार होते हैं..मेरे व्यवहार और प्रवृत्तियों के लिए आपने मेरी शिक्षास्थली-वनस्थली विद्यापीठ और मेरे सात्विक पारिवारिक परिवेश को कारण माना है, इस हेतु मैं श्रद्धानत हूँ... 

सादर.

श्री अशोक रक्ताले जी, श्री संदीप् कुमार पटेल जी, श्री बिन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी, श्री संजय मिश्र "हबीब" साहेब,

आदरणीया राजेश कुमारी जी और सीमा अग्रवाल जी आप सभी के सक्रिय योगदान को द्रष्टिगत रख, और लगनशीलता,

सहयोगी भाव के कारण कार्यकारिणी समिति में स्थान हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारे | आपका शभी को हार्दिक शुभ कामनाए  

ओ बी ओ के सफलतम तीन वर्ष और चौथे वर्ष में पदार्पण निश्चित ही हर्ष एवं गौरव का विषय है
प्रबंधन समिति तथा कार्यकारिणी के समिति के सभी चयनित सदस्यों सहित ओ बी ओ परिवार को सस्नेह हार्दिक बधाई

सादर

प्रबंधन व कार्यकारिणी सदस्यों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, एवं हार्दिक बधाई। |

नई टीम का स्वागत है।

आपसे ओबीओ के सुखद भविष्य की कामना है।

बहुत बहुत बधाई

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
9 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service