For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150

परम आत्मीय स्वजन,

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 150 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | 

इस बार का मिसरा जनाब डॉ. बशीर बद्र साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |

'अजब माँ हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता'

मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222 1222 1222 1222
बह्र-ए-हज़ज मुसम्मन सालिम

रदीफ़ --नहीं रहता

क़ाफ़िया:-अलिफ़ का (आ स्वर)बच्चा,तन्हा,रिश्ता,अपना,दरया आदि ।

मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी | मुशायरे की शुरुआत दिनांक 28 दिसंबर दिन बुधवार को हो जाएगी और दिनांक 29 दिसंबर दिन गुरुवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.

नियम एवं शर्तें:-

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |

एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |

तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |

शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |

ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |

वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें

नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |

ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | 

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 28 दिसंबर दिन बुधवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.comपर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक...

मंच संचालक

जनाब समर कबीर 

(वरिष्ठ सदस्य)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 5613

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय रवि जी नमस्कार

ज़बरदस्त ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये

गिरह ख़ूब

सादर

सादर अभिवादन स्वीकार करें आदरणीय रवि शुक्ला जी। तीसरा शे'र बहुत अच्छा है। बधाई स्वीकार करें।

1222 1222 1222 1222

इन आँखों में ज़ियादा देर तक चहरा नहीं रहता
वही बद-बख़्त हूँ जिसका कोई अपना नहीं रहता (1)

बग़ैर आए जबीं से ख़ूँ सुनेगा क्या न उसकी तू
तेरे दर पर अगर बंदा जबीं-फ़रसा नहीं रहता (2)

मुझे नादानियाँ तेरी सभी हैं याद पर चुप हूँ
ग़नीमत है कि मुझमें देर तक ग़ुस्सा नहीं रहता (3)

मुहब्बत कर, निकल घर से, मज़े ले इन बहारों के
मियाँ सावन का ये मौसम सदा ठहरा नहीं रहता (4)

ख़ुदी से लड़ न बैठूँ मैं कहीं यूँ तैश में आकर
इसी कारन मेरे कमरे में आईना नहीं रहता (5)

ज़हन की रेत के दलदल में सपने डूब जाते हैं
ज़ियादा देर तक रोना कभी अच्छा नहीं रहता (6)

ज़िरह माँ की दुआओं से मिली है 'ज़ैफ़' मुझको ये
मुसीबत हो भले कैसी मुझे ख़तरा नहीं रहता (7)

गिरह:-
मैं वो गुलज़ार हूँ जिसको ख़िज़ाँ ने बद-दुआ दी है
'अजब माँ हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता'

(मौलिक/अप्रकाशित)

आ. भाई जैफ जी, अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।

बहुत आभार आदरणीय। सादर।

आदरणीय ज़ैफ़ साहब बहुत उम्दा मतले से आगाज़ ह़आ ग़ज़ल का हर शेर उम्दा कहा है आपने गिरह भी अच्छी हुई  है कुल मिला कर एक उम्दा ग़ज़ल के  लिये बहुत बहुत मुबारक बाद पेश करता हूँ। 

बहुत आभार आदरणीय रवि जी, सादर।

आदरणीय ज़ैफ़ जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। 

६ ज़ेहन 21 होना चाहिए। 

 बहुत आभार आदरणीय संजय जी, सुधार करता हूँ । सादर।

 आ. संजय जी, क्या "दिमाग़ी रेत" किया जा सकता है? मार्गदर्शन करें, सादर।

आदरणीय ज़ैफ़ जी, सुझाव... 

"तेरे अश्कों के सागर में ये सपने डूब सकते हैं"

बहुत अच्छी ग़ज़ल कही जनाब आपने ..बहुत ख़ूब  !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"धन्यवाद  भाव स्पष्ट करने  के लिए |"
1 minute ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"लड़ियाँ  झूमें  ओने-कोने,  फूले-फले  त्योहार।...उत्तम कामना है आपकी किन्तु…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" दूर दूर रहना मजबूरी, बिखर गया परिवार।               …"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ग्राहक सोचे क्या-क्या ले लूँ , और किसे दूँ छोड़.... सच यही स्थिति होती है सजा हुआ बाज़ार देखकर.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंद गीत पर आपकी सराहना ने सृजन को सार्थकता प्रदान की है.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, आपको भी दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रस्तुत…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हृदय से आभार. सादर "
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद *****मिट्टी  के  दीपों  की  जगमग,  दीपों  वाला …"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * शहरों  में  भी   गाँवों  जैसे, सजे  हाट…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाशजी  दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । छंद पर आपका प्रयास सराहनीय…"
10 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । खिल उठता है बुझा हुआ मन, आते जब…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service