For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 25301

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ० सुर्ख़ाब बशर जी, आपका हार्दिक धन्यवाद 

दोस्ती में परत जो होती है 
यार मेरा दिखा गया है मुझे 

 

तुम सियासत के चोंचले रक्खो 
खेल का ढंग आ गया है मुझे

 

जब कि मेरा ही नाम चलता है

फ़ासले पर रखा गया है मुझे 

आदरणीय सौरभ सर शानदार प्रभावी प्रस्तुति के लिए ढेरों  मुबारकबाद .......

बाकी लोगों ने जो शिकायत रखी है ये उनकी मोहब्बत है मै भी उनसे सहमत हूँ ...

आपकी गज़ल और रचनाओं मे इस्लाह के  हम सब मुंतज़िर हैं ....... 

100 वें संस्करण मे बहुत से पुराने लोगों को दोबारा देख कर मुसररत हो  रही है ....

ऐसी उम्मीद है ये संस्करण 1000 वें अंक तक पहुँचे और ओ बी ओ के सदस्यों का कारवाँ  दिन ब दिन बढ़ता चला जाए..... 

आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय नादिर भाई. आपकी यह इज़्ज़तआफ़ज़ाई है. 

इधर की व्यस्तताएँ इतने बेतुके ढ़ंग से बढ़ गयी हैं कि हम ओबीओ पर चाहते हुए भी आ नहीं पाते. इसका घाटा मुझे ही होता है. 

आपको मेरा कहा पसंद आया, यह मेरे लिए भी बहुत गर्व की बात है. 

शुभ-शुभ

 

आदरणीय सर जी आदाब ,

उम्दा ग़ज़ल के लिए दिली मुबारक बाद पैश करता हूं 

तमाम अशआर ही क़ाबिल ए सद सताइश हैं  लेकिन फिर भी मतले के लिए अलग से दाद पैश ना करूं तो मुझे सुकून नहीं  मिलेगा वाह वाह 

आदरणीय मिर्ज़ा जावेद बेग भाई, आप जैसे गुण-ग्राहकों से अपनी किसी कोशिश पर खुली शाबासी पाना मेरे लिए गर्व की बात होती है। 

आपको अश'आर भले लगे, लिखना सफल हो गया।

आपका हार्दिक धन्यवाद

आदरणीय सौरभ जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. 'चोंचले' जैसे आम जबान के शब्द को बहुत ख़ूब खपाया है आपने. हार्दिक बधाई

आदरणीय अजय जी, आपसे मिली प्रशंसा मेरे प्रयास को सतत बनाये रखे। आपका हार्दिक धन्यवाद। 

//छोड़ कर तू.. चला गया है मुझे

सबसे कहना ये भा गया है मुझे// इस जिंदादिली को सलाम है साहिब. 

 

//क्या हुआ वो निभा नहीं पाया 
सब्र करना तो आ गया है मुझे// बहुत कसी हुई गिरह लगी है, वाह. 

 

//दोस्ती में परत जो होती है 
यार मेरा दिखा गया है मुझे// बहुत ख़ूब.

 

//तुम सियासत के चोंचले रक्खो 
खेल का ढंग आ गया है मुझे// वाह वाह वाह.

 

//जब कि मेरा ही नाम चलता है

फ़ासले पर रखा गया है मुझे // अय हय हय, ग़ज़ब ग़ज़ब ग़ज़ब.

 

//जब जगत में न भान हो जग का 
वो अवस्था बता गया है मुझे// सूफियाना शेअर सीधे दिल में उतर रहा है. 

 

//रौशनी की छुअन से सहला कर 
चाँद फिर से जगा गया है मुझे// इस मुलायमियत के सदके हुज़ूर. 

 

//अह ! लगा.. वो अभी-अभी ग़ुज़रा 
या, कि माज़ी भिगा गया है मुझे// इस शेअर पर डबल वाह-वाह

 

//जुगनुओं से अँधेरे जलते हैं 
बोल कर ये छला गया है मुझे // बहुत खूब.

इस मुकम्मिल कलाम पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें आ० सौरभ भाई जी. 

अदरणीय योगराज भाईजी, 

आपका शेर-दर-शेर अपने भाव अभिव्यक्त करना इस ग़ज़ल को अर्थवान बना रहा है. आपका सादर धन्यवाद 

शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ जी ...ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही है...आपबीती को जगबीती बनाना कोई आपसे सीखे...बहुत खूब...दाद कबूल कीजिये|

राणा भाई, ये दाद है या उलाहना ? 

ऐसी भी टिप्पणियाँ होती हैं  कि दिल थामे मज़ा लेना पडता है.  

ये तो दाद खाज ..सब कुछ है ....अब गुरुदेव ने छोड़ा है क्या ? कुछ कहने के लिए .....आप दिल थाम के मज़े लीजिये ...हम दिल खोल के मज़े ले रहे हैं|

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"लोक के नाम का  शासन  ये मैं कैसा देखूँ जन के सेवक में बसा आज भी राजा देखूँ।१। *…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, कुछ और प्रयास करने का अवसर मिलेगा। सादर.."
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।छंदों पर उपस्थिति उत्तसाहवर्धन और सुझाव के लिए आभार। प्रयास रहेगा कि…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service