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आ० ओम प्रकाश जी ,आपको लघु कथा पसंद आई उसके लिए हार्दिक आभार |कालखंड दोष की बात मैं नहीं समझती क्यूंकि ऐसी घटनाएँ अचानक नहीं होती कुदरत को प्रतिउत्तर देने में भी वक्त लग जाता है फिर यदि तभी चाचा की लड़की चेकअप करा आई होती तो चाचा उसको ये डायलाग बार बार क्यूँ बोलते और कब से बोल रहे थे पता नहीं किन्तु सब्र की सीमा पूरी हुई तब बच्ची ने अपने मन की बात माँ को बताई उस बात के बीस दिन बाद ही कुदरत ने प्रतिउत्तर दे दिया |शायद मैं अपनी बात स्पष्ट कर पाई |
आ० ओम प्रकाश जी , हम सबको सदा याद रखना चाहिए की त्रुटि लेखक की नहीं लेखनी की इंगित की जाती है जिसके फलस्वरूप लेखन सार्थकता की ओर अग्रसर होती है। वाह वाही मिलने की चाह ,लेखक और उसके लेखन की पतन की चाह साबित होती है भविष्य में। सादर
आ० ओम प्रकाश जी,काल खंड के दोष की और ध्यान दिलाने का दिल से शुक्रिया इसे संकलन के वक़्त ही ठीक कर पाऊँगी
नहीं आदरणीय मैं तो आपकी शुक्रगुजार हूँ की आपने इस दोष के प्रति मुझे आगाह किया मैं ही नहीं समझ पा रही थी |
आपकी हर रचना की तरह यहां भी लघुकथा में आपकी लेखन की दक्षता देखने को मिली आदरणीया राजेश कुमारी जी।
जहां तक बात है कालखण्ड दोष की तो ये भी किसी कालसर्प दोष से काम नहीं है। कैसे लील जाता है लघुकथा को अपने लपलपाती जिव्ह्या से की हम सब मुंह ताकते ही सह जाते है। हमें भी वक़्त लग गया था इससे समझने में।
इस कथा के तकनीकों पर हम सबसे बेहतर हमारे सर जी ही प्रकाश डाल सकते हैं। हम सब इन्तेजार करेंगे उनकी प्रतिक्रिया का। सादर नमन
आ० कांता जी,आपको लघु कथा पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ आपका दिल से बहुत बहुत आभार ,इस काल सर्प के दोष को तो संकलन के वक़्त ही दूर कर पाऊँगी :-)))) इस और ध्यान दिलाने का आभार |
बालमन में कभी-कभी मजाक में कही बातें भी छाप छोड़ जाती है , बहुत अच्छा हुआ जो नीतू के मन की भडास निकल गयी | नहीं यही उसके आत्मविश्वास को जीवन भर डगमगाती रहती | बहुत सुंदर चित्र खिंचा है आपने आ. राजेश कुमारी जी , साधुवाद
आ० सुधीर जी ,लघु कथा के मर्म तक पंहुच कर दी गई आपकी प्रतिक्रिया हेतु दिल से शुक्रगुजार हूँ | बहुत बहुत आभार |
च श्मिश ,चश्मे बद्दूर ,जैसे संबोधन आज भी अच्छे नहीं लगते हैं ,वैसे ज़माना अब कांटेक्ट लेन्सेस और स्टाइलिश चश्मों का भी है ,पर कुछ भावनाएं आज भी पुरानी ही हैं , विषय को सार्थक करती लघु कथा के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीया राजेश कुमारी जी
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