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आदरणीय साथियो !

"चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" अंक-21 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है | इस प्रतियोगिता हेतु इस बार भी ज़रा अलग प्रकार अंदाज़ का चित्र प्रस्तुत किया जा रहा है। भारत जैसे देश में जहाँ लाखों लोग हर रोज़ भूखे सोते हों - जहाँ अन्न को देवता भी कहा जाता हो, उस देश में अन्न की ऐसी बर्बादी ? ऐसा दृश्य देख कर क्या हर देशभक्त भारतीय का ह्रदय खून के आँसू नहीं रोता ?  बहरहाल, अब आप सभी को इसका काव्यात्मक मर्म चित्रित करना है !

*चित्र गूगल से साभार

जहाँ भूख ही भूख हो, सड़ता वहाँ अनाज.

लगी फफूंदी तंत्र में, क्यों गरीब पर गाज..

तो आइये, उठा लें अपनी-अपनी लेखनी, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण, और हाँ.. आपको पुनः स्मरण करा दें कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह प्रतियोगिता सिर्फ भारतीय छंदों पर ही आधारित होगी, कृपया इस प्रतियोगिता में दी गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों से पूर्व सम्बंधित छंद के नाम व प्रकार का उल्लेख अवश्य करें | ऐसा न होने की दशा में वह प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार की जा सकती है | 

प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं हेतु नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र की भी व्यवस्था की गयी है जिसका विवरण निम्नलिखित है :-

"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता हेतु कुल तीन पुरस्कार 
प्रथम पुरस्कार रूपये १००१ 
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company 

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१ 
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१ 
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House


नोट :-
(1) १७ दिसंबर तक तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १८ से २० तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट हेतु खुला रहेगा |

(2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत है, अपनी रचना को "प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करें | 

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना मात्र भारतीय छंदों की किसी भी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें | 

विशेष :-यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें| 

अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१९ , दिनांक १८ दिसंबर से २० दिसम्बर की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य अधिकतम तीन पोस्ट अर्थात प्रति दिन एक पोस्ट दी जा सकेंगी, नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा अविलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |

मंच संचालक:
अम्बरीष श्रीवास्तव

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Replies to This Discussion

आदरणीया राजेश कुमारी जी, कुण्डलिया और दोहों से समृद्ध आपकी प्रविष्टि दंग तो कर ही रही है, अभिभूत भी कर रही है.

आप अत्यंत गंभीर प्रयासकर्ता हैं यह कहने में मुझे तनिक गुरेज नहीं. आदरणीय मंच संचालक भी मेरे कहे को अवश्य अनुमोदित कर आश्वस्त करेंगे. मैं आपका सादर अभिनन्दन कर रहा हूँ.

प्रदत्त चित्र की इतनी सुन्दरता से विवेचना हुई है कि मानों चित्र व्याख्यायित होने के लिए आपके कहे की ही प्रतीक्षा कर रहा था. विशेषकर दोहे चित्र के ही शब्द लग रहे हैं. कुण्डलिया वहीं चित्र के भाव को प्रदर्शित कर रही है.

सादर बधाई आदरणीया.

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आपने इस प्रयास को सराहा मन गद गद हो उठा आपकी प्रतिक्रिया से कलम में जैसे नई  ऊर्जा का संचार हुआ दिल से आभारी हूँ 

आपसे सहमत हूँ आदरणीय |

मन में उठा सवाल यह, कैसे यह लिख पाय
सुन्दर दोहे पाय के,  मन  हमरा  हर्षाय ।
कुण्डलिया भी भा रही, चित्र काव्य अनुरूप,
बहुत बधाई राजेश, दिशा मिले अनुरूप ।
हार्दिक बधाई आदरेया राजेश कुमारी जी 

आदरणीय लक्ष्मण जी हार्दिक आभार परस्पर इसी तरह उत्साहित करते रहे सहयोग बना रहे इस मंच पर बहुत कुछ पायेंगे 

मन  हमरा  हर्षाय ।---------> मन अपना हर्षाय

कुण्डलिया भी भा रही-------->कुण्डलिया है भा रही

बहुत बधाई राजेश,----------->बहुत बधाई आपको

आदरणीया राजेश कुमारी जी, कुंडली और दोहें अच्छे लगे, अम्बरीश भाई ने एक जगह इशारा कर दिया हैं , बधाई स्वीकार हो |

हार्दिक आभार आदरणीय गणेश जी अम्बरीश जी का इशारा समझ गई हूँ सुधार की तरफ प्रयास रत हूँ 

आदरणीया राजेश जी, चित्र को परिभाषित करती सुंदर कुणडलियों के लिये हार्दिक बधाई स्वीकारें........

कुमार अजितेंदु जी दिल से आभारी हूँ आपको प्रविष्टियां  पसंद आई

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपकी दोहावली तो सुन्दर है ही लेकिन आपका कुंडलिया छंद बहुत प्रभावित कर गया, चित्र को बहुत अच्छे ढंग से परिभाषित किया है। मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें। 

 

आदरणीय योगराज जी आपकी उपस्थिति देखकर बहुत ख़ुशी हुई सुबह ओ बी ओ पर थोड़ी देर रुकी फिर बाहर जाना पड़ा अब शाम को सभी की रचनाएं पढ़ रही हूँ आपके अनुमोदन से रचनाओं को सार्थकता प्रदान हुई मेरी लेखनी को ऊर्जा  मिली बहुत बहुत   आभार आपका 

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