For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

122 122 122 122

जो ख्वाबों ख़यालों में खोए रहेंगे |

सहर के अँधेरे डराने लगेंगे ||1

बनोगे जो धरती के चाँद सूरज |

तो सातों फ़लक सर झुकाने लगेंगे ||2

मुहब्बत ज़माने से जो बेख़बर है |

बशर देख ताने सुनाने लगेंगे ||3

खुदा की तमन्ना जो करते चलोगे |

फ़लक के सितारे लुभाने लगेंगे ||4

हमें जिंदगी से अदावत मिली है |

इशारे हमें अब डराने लगेंगे ||5

लिखेंगे जुदाई के नगमें कभी जो |

वही तीर बन के सताने लगेंगे ||6

बढ़े हौंसले रास आने लगे हैं |

अँधेरे में दीपक जलाने लगेंगे |7

वो शफ्फाक किरणें ग़ज़ल गा रहीं हैं |

कुहासे घनेरे छकाने लगेंगे ||8

कमी ग़र किसी की कभी तुम दिखाओ |

वो आँखें तुम्हें तो दिखाने लगेंगे ||9

वो शामों-सहर है मुकद्दर बना यूँ |

उसी आग में हम नहाने लगेंगे ||10

तुम्हारी जो नफरत बढ़ाने लगे हैं |

वही आइने दिल दुखाने लगेंगे ||11

बड़ी ही अनोखी मुलाकात है ये |

वो तीरे नज़र के निशाने लगेंगे ||12

जिसे ख्वाब में रोज देखा किए थे |

उसे घर की जीनत बनाने लगेंगे ||13

ये कमजर्फ कैसी मुहब्बत हुई है |

हवस ही ज़मानत जताने लगेंगे ||14

अलामत तरस पैरहन मुहब्बत हुई है |

अकीदे की चादर बिछाने लगेंगे ||15

सदाकत रफाकत मुहब्बत करोगे |

अजीयत विरह की जताने लगेंगे ||16

वो गम-ए-दहर को मिला एक मंजर|

सहर-ए-हयात जगाने लगेंगे ||17

हिकारत कभी जो मुहब्बत बनेगी |

नज़र वो हमीं से चुराने लगेंगे ||18

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 189

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 2, 2023 at 3:57pm

आ. अनीता जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा है पर यह और समय चाहती है। कुछ सुझाव के साथ फिलहाल इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई।

/बनोगे जो धरती के चाँद सूरज |//यह मिसरा बह्र में नहीं है।
बनोगे जो भू के कभी चाँद सूरज" या
बनोगे धरा के अगर चाँद सूरज

वो आँखें तुम्हें को दिखाने लगेंगे ||9

बढ़ाते हैं नफरत अभी जो तुम्हारी

कि तीरे नज़र के निशाने लगेंगे ||12

जिसे ख्वाब में रोज देखा किए हम |

//अलामत तरस पैरहन मुहब्बत हुई है |/

सहर-ए-हयात जगाने लगेंगे ||17

ये मिसरे भी बह्र में नहीं है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
41 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
41 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
14 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
14 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं.…"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार दोनों ही कुण्डलिया छंद आपने सुन्दर रचे हैं.…"
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service